करूणामूलक नौकरियां देने में नहीं होगी देरी : जयराम

तृतीय श्रेणी के 255 और चतुर्थ श्रेणी के 201 लोगों को विभिन्न विभागों में दी नौकरी

उज्जवल हिमाचल। शिमला

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन की कार्रवाई प्रश्नकाल से शुरू हुई। इस दौरान करूणामूलक आधार पर नौकरियां देने का मामला भी सदन में गूंजा। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार करूणामूलक आधार पर आश्रितों को जल्द नौकरी देने की कोशिश कर रही है। इससे पहले कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने पूछा कि करुणामूलक आधार पर सरकार खाली पदों पर नियुक्ति दे देगी। 2018 से 31 मई 2020 तक कुल 456 लोगों की भर्तियां की गयी है और अभी भी 1413 पद भरे जाने हैं जिसमें पीडब्ल्यूडी, शिक्षा और पुलिस विभाग में सबसे ज्यादा पद खाली है।

4500 परिवार को नौकरियां मिलनी है सरकार कब इन्हें नौकरी देगी। जिसके जवाब में सीएम ने कहा कि करुणामूलक आधार पर 1 जनवरी 2018 से 31 मई 2020 तक सरकार ने तृतीय श्रेणी के 255 लोगों को और चतुर्थ श्रेणी के 201 लोगों को विभिन्न विभागों में नौकरी दी है। कांग्रेस के कार्यकाल में 50 साल के बाद किसी भी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होने पर करुणामूलक आधार पर नौकरी नहीं दी जाती थी लेकिन बीजेपी सरकार ने नियमों में बदलाव कर रिटायरमेंट के दिन भी मृत्यु होने पर उसके परिवार को नौकरी देने प्रावधान किया है। कुल खाली पदों का 5 फीसदी करुणामूलक आधार पर भर्तियां की जाती हंै।

सरकार जल्द नौकरी देने के लिए वचनबद्ध
कांग्रेस विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि करुणामूलक आधार भर्ती के लिए सरकार कोई मैकेनिजम तैयार करे क्योंकि कई करुणामूलक आश्रितों को 15 साल से भीअधिक का समय हो गया है और परिवार की हालत खस्ता है। सरकार करुणामूलक आधार पर भर्ती करने के लिए शीघ्र कोई नीति निर्धारित कर समय पर इनको नौकरी देने का काम करें। सीएम जयराम ने सदन को बताया कि करुणामूलक आधार पर आश्रितों को जल्द से जल्द नौकरी देने की कोशिश कर रही है और दूसरे विभागों में भी खाली पड़े पदों पर करुणामूलक आधार पर आश्रितों को नौकरी देने के लिए पॉलिसी बना रही है।

अनुबंध कर्मचारियों की भी नौकरी के दौरान मृत्यु होने पर आश्रितों को नियमित कर्मचारी के समान ही आश्रितों को नौकरी देने का सरकार प्रावधान किया है। कर्मचारी की मृत्यु के बाद पहले आश्रित को तीन साल के बाद भीतर नौकरी के लिए आवेदन करना होता था लेकिन अब तीन से बढ़ाकर चार साल किया गया है और आय सीमा भी डेढ़ से अढ़ाई लाख किया गया है। सरकार करुणामूलक आश्रितों को जल्द नौकरी देने के लिए वचनबद्ध है।

हर विधानसभा क्षेत्र में अग्निशमन केंद्र खोलने पर विचार करेगी सरकार
भटियात के विधायक  विक्रम जरियाल ने आगजनी से हो रही लोगों की मौत का मामला उठाया और एक अग्निशमन केंद्र हर विधानसभा क्षेत्र में होने की मांग की। जिस पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि इस तरह घटनाएं हर क्षेत्र में हो रही है और फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां समय पर नहीं पहुंच पाई सरकार हर विधानसभा क्षेत्र में अग्निशमन केंद्र खोलने पर विचार करेगी। इसके अलावा कांग्रेस विधायक राम लाल ठाकुर ने भाखड़ा बांध से विस्थापित हुए बिलासपुर और ऊना के लोगों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने का प्रश्न उठाया और सरकार से पूछा कि सरकार विस्थापितों के लिए क्या कदम उठा रही है।

इसके जवाब में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जिला के विधायकों की कमेटी बानी थी। विस्थापितों ने अपने दुकानों और मकानों के साथ लगती जमीन पर कब्जा कर घर या ढारे बनाये हैं। जिसको नियमित करने को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। विधायकों की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने विस्थापितों की समस्याओं को लेकर रिपोर्ट दी डीसी के माध्यम से सरकार को भेजी है लेकिन कुटलैहड़ से विधायक वीरेंद्र कंवर की तरफ से रिपोर्ट डीसी ऊना के माध्यम से प्राप्त नहीं हुई है।शीघ्र ही कमेटी की मीटिंग बुलाकर सभी पहलुओं और कोर्ट के निर्देशों को ध्यान में रख कर जल्द ही विस्थापितों की समस्या का हल करने का प्रयास किया जाएगा।