एमरजेंसी हवाई पट्टी का यह केंद्रीय मंत्री करेंगे उद्घाटन

उज्जवल हिमाचल। जोधपुर

भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बाड़मेर-जालोर की सीमा पर देश की पहली इमरजेंसी एयर स्ट्रिप तैयार की गई है। यह एयर स्ट्रिप पाकिस्तान बार्डर से महज 40 किलोमीटर की दूरी पर है। बाड़मेर-जालोर जिले की सीमा अगड़ावा में बनी इमरजेंसी हवाई पट्टी वायुसेना के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए बनाई गई है। 32.95 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस हवाई पट्टी की 3 किमी लंबाई और 33 मीटर चौड़ाई है। हवाई पट्टी के दोनों सिरों पर 40 गुणा 180 मीटर आकार की दो पार्किंग भी बनाई गई है, ताकि लैंडिंग के बाद विमानों को पार्क किया जा सके।

भारत-पाक बार्डर पर बाड़मेर-जालोर जिला की सीमा पर अगड़ावा में बन रही देश की पहली इमरजेंसी एयर स्ट्रिप का उद्घाटन आज होने जा रहा है। इससे पहले बुधवार को यहां रिहर्सल के तौर पर तीन फाइटर प्लेन उतारे गए। इसके लिए सुबह एयरफोर्स अधिकारियों की निगरानी में सुबह सबसे पहले हरक्यूलिस प्लेन को उतारा गया। पाकिस्तान बार्डर से सटी देश की यह पहली हवाई पट्टी है। इसके अलावा 25 गुणा 65 मीटर आकार की एटीसी प्लिंथ का डबल मंजिला एटीसी केबिन के साथ निर्माण किया गया है। एमरजेंसी हवाई पट्टी के पास 3.5 किमी लंबी और 7 मीटर चौड़ी सर्विस रोड भी बनाई गई है। इस पर 33 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।

एयरपोर्ट के अलावा पहली बार देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी किसी हवाई पट्टी पर उतरेंगे। रक्षा व ट्रांसपोर्ट मंत्रालय के सहयोग से देश में इस तरह के करीब 12 हाई-वे तैयार किए जा रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इस एयर स्ट्रिप का उद्घाटन करेंगे। आज सुखोई एसयू-30, मिग और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान तेज गर्जना के साथ आपातकालीन हवाई पट्टी पर लैंडिंग करेंगे। बाड़मेर के गांधव (बाखासर) में भारत माला हाईवे NH-925A पर बनी आपातकालीन हवाई पट्टी 3000 मीटर (3 किमी) लंबी और 33 मीटर चौड़ी है।

इस हवाई पट्टी को बनाने में 32.95 करोड़ रुपए लागत आई है। भारत-पाक बार्डर से महज 40 किमी. दूरी पर यह हवाई पट्टी बनाई गई है। जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और आंध्र प्रदेश में भी इस तरह की हवाई पट्टी बनाई जा रही है। हवाई पट्टी के पास 3:5 किलोमीटर लंबी और 7 मीटर चोड़ी सर्विस लेन भी बनाई गई है। इस हवाई पट्टी का उपयोग युद्ध अथवा किसी आपातस्थिति में ही किया जा सकेगा। अधिकारियों के अनुसार सिंगापुर, फिनलैंड, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और ताइवान सहित कई देशों में राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर आपातस्थिति में विमानों को उतारने व उड़ान भरने के लिए इस तरह की हवाई पट्टी बनी हुई है।