प्रदेश के मंदिरों को बंद करने के फरमान पर भड़का व्यापार मंडल

पंकज शर्मा। ज्वालामुखी

व्यापार मंडल ज्वालामुखी की आपात बैठक आज ज्वालामुखी में प्रधान अनीश सूद की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें शहर के व्यापारियों ने भाग लिया। बैठक में चर्चा हुई कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश के मंदिरों को 23 अप्रैल से बंद करने का फरमान जारी किया है, जिसका व्यापारी वर्ग ने कड़े शब्दों में विरोध किया और सरकार से आग्रह किया कि इस फैसले पर पुनर्विचार कर वापस लिए जाएं, ताकि व्यापारी वर्ग पर किसी प्रकार का प्रहार उनकी रोजी-रोटी पर न हो। व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने कहा कि ज्वालामुखी जैसे धार्मिक स्थल के व्यापारी केवल मात्र माता के मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से होने वाली आय पर ही निर्भर हैं।

यदि मंदिर बंद हो जाते हैं, तो हजारों लोगों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ जाती है। इसलिए सरकार एसओपी जारी करें, सख्ती और बढ़ा दे, परंतु मंदिर को बंद न करें। इससे व्यापारी वर्ग जो पिछले वर्ष से करोना संकटकाल से बुरी तरह से हताश और निराश होकर बैठा हुआ है, उसको भूखे मरने की नौबत न आने पाए। उन्होंने इस बाबत मुख्यमंत्री को एसडीएम के माध्यम से भी ज्ञापन भेजने की बात कही है, ताकि सरकार तक व्यापारियों की आवाज पहुंच सके। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय के पीछे प्रशासनिक अधिकारियों का दबाव अधिक दिखाई दे रहा है।

क्योंकि पर्यटन स्थलों में आने वाले पर्यटको को आने की खुली छूट दी जा रही है, जबकि धार्मिक स्थलों को बंद करके धार्मिक पर्यटकों को रोका जा रहा है, जिससे हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर खतरा पैदा हो गया है। यदि सरकार ने व्यापारियों की मांग पर गौर न किया, तो व्यापारी सरकार की किसी भी नीतियों और कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने में सहयोग नहीं करेंगे और सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करने पर विवश होंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी।