उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा
स्कूलों में शारीरिक शिक्षक बनने का सपना देखने वाले हजारों युवा इन दिनों सरकार से आस लगाए बैठे हैं उम्मीद यही है कि सालों से नौकरी की चाह रखने वाले बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों को भी अपनी पढ़ाई वह डिग्री का कुछ फल मिलेगा।
हिमाचल के स्कूलों में जहां मिडिल से लेकर सीनियर सेकेंडरी स्कूल तक 4000 से ज्यादा पद खाली चल रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रशिक्षित बेरोजगार युवा सालों से शिक्षक बनने की चाह में नौकरी लगने की अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष भी अब पूरी करने वाले हैं ऐसे में सवाल यह है कि बैच वाइज भर्ती का इंतजार कर रहे युवाओं का भविष्य क्या अंधकार में होगा सरकार कुछ सकारात्मक कदम उठाकर इनके भविष्य को उज्जवल करेगी ऐसे में जब सरकार ने कुछ महीने पहले 870 पदों को भरने हेतु प्रक्रिया शुरू करने को सभी जिला उप निदेशकों को आदेश जारी किए थे।
बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों का कहना है कि सरकार के भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के आदेश के बाद कुछ उम्मीद जगी थी मगर अब मामला कोर्ट में होने के कारण लगता है कि नौकरी लगने की अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष पूरी हो जाएगी बेरोजगार युवाओं के भविष्य को देखते हुए सरकार कोर्ट में अपना सकारात्मक पक्ष रखें और जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया को शुरू करवाएं ताकि बेरोजगार शारीरिक शिक्षकों को राहत मिल सके।
बेरोजगार शारीरिक शिक्षक अध्यक्ष संदीप घई ने कहा कि मैं सरकार को उनके उस वायदे को याद दिलाना चाहता हूं जो उन्होंने 7 अक्टूबर 2018 को किया था माननीय मुख्यमंत्री जी ने 7 अक्टूबर 2018 को शारीरिक शिक्षकों के 2000 पदों को भरने की घोषणा की थी मगर अभी तक भी सरकार शारीरिक शिक्षकों का एक पद भी भरने में नाकाम रही है आखिर बेरोजगार शारीरिक शिक्षक जाना चाहते है कि सभी कैटेगरी के पद भरे जा रहे हैं मगर शारीरिक शिक्षकों से यह सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है।