गौशाला ना होने से हर साल बेमौत मरने को लाचार बेसहारा जानवर

लक्की शर्मा। लड़भडोल

 

जानवर हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, परन्तु शायद इंसान दिन प्रतिदिन इस बात को भूलता जा रहा हैं । पशु पालक पहले तो अपने मतलब के लिए पशुओं को पालते हैं फिर उन्हें आवारा छोड़ देते हैं । जब गाय भी दूध देना बंद कर देती हैं तो उन्हें भी लावारिस छोड़ दिया जाता है। लड़भडोल में आवारा पशुओं की बहुत बुरी हालत है यहां कोई भी गौशाला नहीं है । पशु पूरे बाजार में घूमते रहते हैं
। लडभडोल के मुख्य बाजार तथा स्कूल के आसपास जानवरों को सड़कों पर आवारा छोड़ दिया गया है। जानवरों के खाने रहने और देखरेख करने वाला कोई नहीं है । कहीं निर्दयी लोग अपने जानवरों को आजाद कर देते हैं ।  ऐसा लोग तब करते हैं जब उन्हें जानवरों से दूध नहीं मिलता और वह अन्य कार्यों में उपयोग नहीं आ सकते। पशुओं को इस तरह आवारा छोड़ देना कानून के मुताबिक यह क्रूरता है । लोगों का एक तरफ गाय को माता का दर्जा देना और दूसरी और उसे डंडे गालियां खाने और भूख से जूझने के लिए आवारा पशु के समान छोड़ देना किसी अपराध से कम नहीं है ।

लडभडोल बाजार से कुलदीप , अशोक , मदन , दौलत, चुहड सिंह, कुलभूषण आदि ने बताया कि लड़भडोल बाजार के पंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक के आसपास अक्सर ऐसे दर्जनों आवारा जानवरों का झुंड देखने को मिलता है ।  मंगलवार को भी यूको बैंक के नजदीक सड़क में एक बछड़ा मृत अवस्था में पड़ा रहा । बाद में लोक निर्माण विभाग की जेसीबी द्वारा उसे उठाया गया । जिला परिषद संजीव शर्मा ने बताया कि इन आवारा जानवरों के लिए लड़भडोल में कोई भी व्यवस्था नहीं है । उन्होंने विधायक प्रकाश राणा से निवेदन किया है कि इस संबंध में जल्द ही ध्यान दिया जाए ।

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