पालमुपर में वाहनों के फर्जी पंजीकरण की जांच नूरपुर तक पहुंची

मास्टरमाइंड के खुलासे के बाद राडार पर कई लोग

विनय महाजन। नूरपुर

पालमपुर में वाहन पंजीकरण फर्जीवाड़े की जांच नूरपुर और इंदौरा तक पहुंच गई है। क्योंकि यहां पर भी ऐसी शिकायतें आई हैं कि पालमपुर की तरह ही यहां पर भी वाहनों के पंजीकरण में फर्जीवाड़ा हुआ है। कालका से गिरफ्तार मामले के मास्टरमांइड के खुलासे क बाद पुलिस ऐसे लोगों पर नजर रखर रही है जो इस जाली काम को अंजाम दे रही थी। गौरतलब है कि करीब 112 वाहनों का फर्जी तरीके से पंजीकरण दलालों की ओर से करवाया गया है। नियमों को दरकिनार कर बीएस-4 वाहनों का पंजीकरण निर्धारित तिथि के बाद किया गया है।

जब इन बीएस-4 वाहनों का 31 मार्च 2020 के बाद पंजीकरण ही नहीं हो सकता था, लेकिन दलाली के खेल में यह सारा फर्जीवाड़ा तैयार कर इन वाहनों का पंजीकरण किया गया। यह पंजीकरण बड़ी की सफाई से किया गया है। जिसमें विभागीय कर्मचारी की बड़ी भूमिका हो सकती है। इसका पता अब जांच में चलेगा। अब सूत्रों की मानें तो महंगे वाहनों के पंजीकरण के मामलों की गूंज जिले के अन्य उपमंडलों में भी गूंजने लगी है। जिसमें नूरपुर का भी नाम भी चर्चा में आने लगा है।

कांग्रेस ने बताया महोघाटाला, सीबीआई जांच की मांग

वहीं कांग्रेस ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है। कांग्रेस ने इन गाडिय़ों की रजिस्ट्रेशन को महाघोटाला बताया है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया में एक पोस्ट शेयर की है जिसमे उन्होंने महंगी गाडिय़ों के फोटो भी शेयर किए हैं। ये सभी गाडिय़ां नूरपुर आरटीओ के नंबर से पंजीकृत हैं।