कंगना रानौत के पक्ष में वर्चुअल बैठक

राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दायर करने के खिलाफ जताया विरोध

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

राजपूत महासभा व सामान्य वर्ग संयुक्त मंच हिमाचल प्रदेश की वर्चुअल बैठक प्रदेश संयोजक केएस जंवाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में सर्वसम्मति से हाल ही में बालीवुड कलाकार कंगना रनौत के भारतीय संविधान पर जाति आधारित होने व उसकी समीक्षा के ट्वीट पर भीम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतपाल तनवर द्वारा हरियाणा के गुरुग्राम के पुलिस थाने में राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दायर करने की शिकायत का कड़ा विरोध किया गया।

इस वर्चुअल बैठक में प्रदेश के सामान्य वर्ग संयुक्त मंच से संबंधित विभिन्न संगठनों के शीर्ष पदाधिकारियों ने विशेष रूप से उपस्थित रहकर इस मुद्दे पर चर्चा में भाग लिया। राजपूत महासभा हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष अमर सिंह गुलेरिया, ब्राह्मण सभा से जितेंद्र विशिष्ट, हितेंद्र शर्मा एडवोकेट, महाजन सभा हिमाचल प्रदेश से एमएल गुप्ता, खत्री सभा से डॉ. नरेश वैद्य, नामधारी संगत से सरदार हरमीक सिंह, अहलूवालिया सभा से कर्नल रमेश वालिया, हेम सिंह ठाकुर, नीलम राणा, विपुल ठाकुर, सुदेश राणा,किरण गुलेरिया,रमेश मेहता, डीके चंदेल, नाहन से वरिष्ठ एडवोकेट सुरेंद्र सेन, अमित सेन, गुलाब सिंह सेन,वीपी काल्टा, दर्शन कालिया सेवानिवृत्त ईडीएम, सुदर्शन पठानिया, गगन ठाकुर व हितेंद्र सिंह सानिया मौजूद रहे।

जाति विशेष को सरकारी धन से मिल रहा लाभ
केएस जंवाल व अमर सिंह गुलेरिया ने कहा कि हमारा भारत का संविधान सचमुच में जाति आधारित है जिसमें सुधार एवं विशेष पुनरावलोकन के लिए किसी भी माध्यम से कहना किसी भी प्रकार से स्वतंत्र भारत में देशद्रोह नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि जो विशेष जाति के लोग जन्म से लेकर, स्कूल की पढ़ाई, नौकरियों में प्रवेश तथा पदोन्नति, विभिन्न सरकारी योजनाओं में विशेष प्रावधान, राजनेताओं के चुनाव व मंत्रियों के चयन प्रक्रिया तक लाभ ले रहे हैं। उन्हें ऐसी टिप्पणी का कोई हक नहीं बनता है।

उन्होंने कहा कि भारत का ही संविधान है, जहां पर जाति व्यवस्था का प्रावधान है और इसी के अंतर्गत जाति विशेष के लोगों को सरकारी धन से विशेष लाभ प्राप्त हो रहे हैं, मगर यदि उन्हें उस जाति के नाम से पुकारा जाए, तो सामान्य वर्ग के लोगों को न्याय तक से वंचित कर रखा हुआ है। केएस जंवाल ने कहा कि आरक्षण की आड़ में सरकारें भी इन जाति विशेष के लोगों को अंधाधुंध आर्थिक अनुदान देकर जाति प्रथा को स्वयं बढ़ावा दे रही है और शांति से बसर कर रही विभिन्न जाति के लोगों को पैसे के लालच में आकर आपस में ही उलझाने के लिए उकसा रही है।

विघटनकारी तत्वों के खिलाफ हो राष्ट्रदोह का मामला दर्ज
सामान्य वर्ग के दोनों संगठनों ने कंगना रनौत को इस कुरीति को समाप्त करने के लिए आगे आकर बोलने के लिए आभार प्रकट किया और केंद्र सरकार व प्रदेश सरकारों से संविधान की समीक्षा कर इसमें उचित संशोधन करने का आग्रह किया। उन्होंने जाति आधारित संगठनों के नेताओं को भी ऐसे भड़काऊ बयान बाजी ना करने की सलाह दी ताकि देश को जातियों के नाम पर एक और विघटन से बचाया जा सके।

बैठक में सदस्यों ने कंगना रनौत जैसी बुद्धिजीवियों द्वारा संविधान को लेकर सामान्य टिप्पणी पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने के बजाए उल्टे ऐसे विघटनकारी तत्वों और सामाजिक संगठन के नेताओं के खिलाफ जातिगत वैमनस्य को बढ़ावा देने तथा विशेष जातियों के नाम पर देेश की सर्वोच्च न्यायालय तक के नीतिगत फैसलों को भी पलटने के लिए दबाव बनाने पर राष्ट्रद्रोह के केस चलाने का भी आग्रह किया।