पठानकोट मंडी सड़क विस्तारीकरण के कारण हुआ बरसाती जल भराव

विनय महाजन। नूरपुर

नूरपुर में फ़ोरलेन संघर्ष समिति नूरपुर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुदर्शन शर्मा ने आज जसूर में आयोजित प्रेस कान्फैरस के दौरान बताया क़ि राष्ट्रीय उच मार्ग प्राधिकरण ने बरसाती दिनों में पठानकोट मंडी प्रथक चरण सड़क विस्तारीकरण का कार्य आरम्भ कर दिया है। लेकिन जैसे-जैसे बरसात ने जोर पकड़ा है उसी रफ़्तार से प्राधिकरण द्वारा अधिकृत निर्माण कम्पनी ने भी कंडवाल क्षेत्र में सड़क के दोनों और कन्वर्ट कार्य में गति दे दी है जिससे बरसाती जल भराव के पानी की निकासी नहीं हो पा रही है।

आम लोगों के मकानो में सड़क का पानी निकासी ना होने के कारण निजी घरों में जल भराव हो रहा है जिससे प्रभावित लोग बरसात के जल भराव से चिंतित है। कन्वर्ट कार्य के कारण मिट्टी के बड़े-बड़े ढेर बरसाती पानी के बहाव को सड़क की नालीयों में रुकावट कर रहे है। जिस कारण बरसाती पानी प्रभावितों के घरों में नुक़सान का कारण बनता जा रहा है। भौगोलिक दृष्टि से भी देखा जाए तो यह नूरपुर क्षेत्र पहाड़ी बलैंड सलाइडिंग डेंजर जोन घोषित है।

जिस कारण बरसात में सड़क निर्माण कारु तकनीकी दृष्टिकोण से दो महीने के लिए नए सड़क निर्माण के लिए वादित है इसलिए लोगों को बरसाती जल भराव से कोई नुक़सान ना हो और भारी वर्षा के कारण लैंड स्लाइडिंग ना हो प्रशासन को चाहिए कि जनहित में सुरक्षा की दृष्टि को मध्य नजर रखते हुए प्राधिकरण को दो माह के लिए नए सड़क निर्माण कार्य हेतु रोका जाए ताकि बरसाती जल बहाव से राज्य की सड़कों को भारी नुक़सान से बचाया जा सके ताकि आम जनमानस अपने अपने आशियानों की बरसात के पानी से सुरक्षा कर सके।

शर्मा ने कहा कि देश में सरकार ने 15 जून से सरकारी निर्माण कामों पर अंकुश लगा रखा है। उसके वावजुद भी भारत सरकार की एन एच आई ऑथरटी ने किस आदेश लेकिन पर चक्की दरिया पर डवललैन पुल का कार्य आरम्भ करने के आदेश निजी कम्पनी को दे दिऐ। सरकारी नियमों के अनुसार केन्द व राज्यों सरकार का कोई भी विभाग वरसात के मौसम मे निर्माण काम नहीं कर सकता। अगर कोई जन नुक्सान हो जाऐ तो यह जिम्मेदारी किसकी होगी। ऐसा लगता है कि हिमाचल परदेश में 15 अगस्त के वाद शायद सभी भी चुनावों की घोषणा चुनाव आयोग कर सकता है।

उन्होने कहा कि नूरपुर प्रशासन द्वारा प्रभावितों को आशियाने नूरपुर मे उखाड़ने का साठ दिनों का नोटिस देने का कोई भी ओचितय नहीं बनता है सव कुछ लालफीता परशासन का सरकार पर दबदबा है। मानवता को देखते हुए बरसाती दिनो में पुराने आशियानो को तोड़ना बहुत ही नुक्सानदायक है। सरकार के लिऐ रिपिट मिशन में बाधक हो सकता है।