बड़ा फैसला : 15 दिन की लड़ाई के लिए हथियार व गोला-बारूद रख सकेंगे सुरक्षाबल

Soldiers from Indian Army and China's People's Liberation Army (PLA) take part in the Hand-in-Hand joint military exercise in Chengdu, Sichuan province, China December 11, 2018. An Yuan/CNS via REUTERS ATTENTION EDITORS - THIS IMAGE WAS PROVIDED BY A THIRD PARTY. CHINA OUT. - RC13FFAB27F0

उज्जवल हिमाचल। डेस्क
चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने बड़ा कदम उठाया है। सुरक्षाबलों को अब 15 दिनों के युद्ध के लिए हथियारों और गोला-बारूद का स्टॉक तैयार करने का अधिकार दे दिया गया है। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी तनातनी के बीच इस नए अधिकार और आपातकालीन खरीद की शक्तियों का उपयोग करते हुए स्थानीय और विदेशी स्रोतों से रक्षा उपकरण और गोला-बारूद के अधिग्रहण के लिए 50,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जाएगा। यह कदम चीन व पाकिस्तान के साथ टू-फ्रंट वॉर की संभावनाओं को देखते हुए पुख्ता तैयारी की दिशा में देखा जा रहा है। अब तक सेना के पास 10 दिन के युद्ध के लिए स्टॉक जमा करने की छूट थी।

समाचार एजेंसी एएनआइ से सरकारी सूत्रों ने बताया कि दुश्मनों के साथ 15 दिन के युद्ध के लिए स्टॉक तैयार करने के लिए अब कई हथियार प्रणाली और गोला-बारूद का अधिग्रहण किया जा रहा है। 10 दिन के बजाय अब 15 दिनों तक के लिए स्टॉकिंग होगी। उन्होंने कहा कि रक्षा बलों के लिए स्टॉक की सीमा बढ़ाने की मंजूरी कुछ समय पहले ही दी गई थी। सशस्त्र बलों को पहले 40-दिन के युद्ध के लिए स्टॉक रखने की अनुमति थी, लेकिन हथियारों और गोला-बारूद के भंडारण में आने वाली दिक्कतों के साथ-साथ युद्ध के बदलते स्वरूप के कारण इसे कम करके 10 दिन कर दिया गया। उरी हमले के बाद, यह महसूस किया गया कि युद्ध के लिए स्‍टॉक कम है और तत्कालीन मनोहर परीकर के नेतृत्व वाले रक्षा मंत्रालय ने सेना, नौसेना और वायु सेना के उपाध्यक्षों की वित्तीय शक्तियों को बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये से 500 करोड़ कर दिया।