प्रदेश के 10 दवा उद्योगों पर क्यों लगा ताला, पढ़ें खबर

उज्ज्वल हिमाचल। डेस्क

दवा निर्माण में गुणवत्ता मानकों को ताक पर रखने वाले हिमाचल के 10 दवा उद्योगों पर राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इनमें तत्काल प्रभाव से दवा उत्पादन पर रोक लगा दी है। इसके अलावा निर्धारित मानदंडों का पालन करने में विफल रही एक दवा परीक्षण प्रयोगशाला को भी प्राधिकरण ने परीक्षण बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। जिन दवा उद्योगों पर कार्रवाई की गई है, उनमें से ज्यादातर मल्टी नेशनल कंपनियों के लिए दवा निर्माण करते हैं। बता दें की राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने रिस्क बेस्ड निरीक्षण के तीसरे चरण में सिरमौर, सोलन, बीबीएन, ऊना व कांगड़ा के दवा उद्योगों में कई अनियमितताएं पाई हैं। इनमें वे उद्योग भी शामिल हैं, जिनमें निर्मित दवाएं सीडीएससीओ की पड़ताल में बार-बार सबस्टैंडर्ड निकल रही हैं।

फिलवक्त राज्य दवा नियामक की कार्रवाई से बेलगाम दवा निर्माताओ में हडक़ंप मच गया है। यहां उल्लेखनीय है कि हिमाचल में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) व राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण द्वारा चिन्हित दवा निर्माण इकाइयों का तीसरे चरण का रिस्क बेस्ड इंस्पेक्शन किया जा रहा है। अक्तूबर और नवंबर में तीसरे चरण में सोलन, बीबीएन, सिरमौर, ऊना व कांगड़ा में करीब 20 दवा निर्माण इकाइयों का निरीक्षण किया गया है

जिनमें से 10 दवा उद्योगों में दवा निर्माण से जुड़ी कई अनियमितताएं पकड़ में आने के बाद राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने तत्काल प्रभाव से उत्पादन पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं। इनमें आठ उद्योग बद्दी, बरोटीवाला व नालागढ़ क्षेत्र में स्थापित हैं, जबकि दो उद्योग सिरमौर जिला के हैं। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने कहा कि गुणवत्ता पूर्ण दवा निर्माण सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार दवा निर्माण में गुणवत्ता को लेकर जीरो टोलरेंस नीति के तहत कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि रिस्क बेस्ड इंस्पेक्शन के तीसरे चरण में 10 दवा उद्योगों और एक लैब पर कार्रवाई की गई है।

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नालागढ़ की ड्रग टेस्टिंग लैब पर भी कार्रवाई

राज्य दवा नियामक ने नालागढ़ में एक प्राइवेट ड्रग टेस्टिंग लैब का भी निरीक्षण किया, जिसमें तय मानकों की अवहेलना पाए जाने पर परीक्षण पर रोक लगा दी गई है। बताते चलें कि सितंबर माह में भी राज्य दवा नियामक ने हिमाचल की 12 प्राइवेट ड्रग टेस्टिंग लैब का निरीक्षण करते हुए सात लैब को अनियमितता पाए जाने पर बंद कर दिया था। उनमें से अभी तक तीन लैब ने ही कमियों को दूर किया है, जिनमें दोबारा से टेस्टिंग शुरू हो गई है, जबकि चार लैब अभी बंद हैं। गौरतलब है कि इन टेस्टिंग लैब में परीक्षण के बाद ही दवाओं को बाजार में उतारा जाता है। आरोप है कि कुछ लैब भ्रष्टाचार कर बिना टेस्टिंग के ही दवाओं को पास कर रही हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट डेस्क

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