आरपी नेगी। शिमला
जिला परिषद शिमला में इस बार भी कांग्रेस को ही पूर्ण बहुमत मिलेगा। लेफ्ट यानी माकपा का दावा है कि उनके तीनों सदस्य कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे और भाजपा को बनने नहीं देगी। बावजूद इसके 24 में से 12 सीटों के साथ कांग्रेस बहुमत के साथ अध्यक्ष बनाएगी। जिला परिषद की 24 सीटों में से कांग्रेस के पास 12, माकपा के पास 3, बीजेपी के पास 6 और 3निर्दलीय के पास हैं।
- किन्नौर जिला परिषद में कांग्रेस और भाजपा बराबरी पर
यदि बीजेपी को 3निर्दलीय सदस्यों का साथमिले तो भी जिला परिषद में बहुमत नहींमिलेगी। कारण यह हैकि कांग्रेस के पास पहले ही 12 सीटें हैं। कुल मिलाकर जिला परिषद शिमला में अध्यक्ष पद पर भाजपा को बहुमत नहीं मिलेगा। बताया गया कि शिमला जिला परिषद अध्यक्ष के लिए अब चार फरवरी को मीटिंग होनी है। वहीं दूसरी तरफ जिला किन्नौर में असमंजस बरकरार है। यहां की कुल 10 सीटों में से कांग्रेस और भाजपा दोनों के पास 5-5 सीटें हैं। इसके मद्देनजर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आवास होलीलॉज में नवनिर्वाचित सदस्यों के साथ मंथन का दौर जारी है।
- चंद्रप्रभा नेगी को अध्यक्ष की कुर्सी देने की तैयारी
शिमला जिला परिषद अध्यक्ष पद इस बार महिला के लिए रिजर्व है। ऐसे में कांग्रेस की ओर से पूर्व मेंजिला परिषद अध्यक्ष रह चुकी चंद्रप्रभा नेगी को इस बार कुर्सी देने की तैयारी हो चुकी है। पिछली बारशिमला जिला परिषद अध्यक्ष पद एससी महिला केलिए आरक्षित था। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्रसिंह के करीबी एवं पूर्व के अनुभव को देखते हुए चंद्रप्रभा नेगी को इस बार अध्यक्ष की कुर्सीमिल सकती है।
इस बार इनके पास रहेगी जिला परिषद की कुर्सी
हमीरपुर एससी महिला
ऊना एससी महिला
लाहौल-स्पीति एसटी महिला
सिरमौर ओबीसी महिला
बिलासपुर सामान्य महिला
शिमला सामान्य महिला
चंबा एससी
किन्नौर एसटी
कांगड़ा ओपन
मंडी ओपन
सोलन ओपन
कुल्लू ओपन
शिमला जिला परिषद में माकपा न को कांग्रेस के साथ चलेगी और न ही बीजेपी को बनने देगी। इस बार हमने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है।
-संजय चौहान, माकपा नेता
जिला परिषद शिमला में कांग्रेस के पास 12 सीटें हैं, जबकि भाजपा के पास मात्र छह। बावजूद इसके सरकार और बीजेपी जनदेश को चुराने का प्रयास कर रही है।
-कुलदीपसिंह राठौर, पीसीसी चीफ