नकली रेमडेसीवियर के बाद बिना मंजूरी बनाई गई 1 लाख 75 हजार आइबूप्रोफेन-पैरासिटामोल की टैबलेट जब्त

विनय महाजन। नूरपुर

नुरपुर से लगभग 30कि मी दूर आधौगिक क्षेत्र सूरजपुर में एक फार्मास्यूटिकल फॉर्मूलेशन में ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी नूरपुर ने एक लाख 75000 टेबलेट(आइबूप्रोफेन +पैरासिटामोल )  विभाग की बिना मंजूरी लिए बनाए जाने पर जब्त की है। नूरपुर के सिविल अस्पताल में तैनात ड्रग इंस्पेक्टर प्यार ठाकुर ने बताया कि कि इस संदर्भ में बिभाग ने उक्त दवा कम्पनी को नोटिस भी जारी किया था। लेकिन कोई पुख्ता जबाब ना आने पर बिभाग ने दवाइयां अपने कब्जे में ले ली है। ठाकुर  ने बताया कि किसी भी ड्रग  को बनाने से पहले ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी से मजूरी लेनी पड़ती है। लेकिन  उक्त फार्मास्युटिकल्स फॉर्मूलेशन द्वारा विभाग से बिना मंजूरी लिए यह दवाई बनाई जा रही थी  उक्त दवाइयां प्लास्टिक के पाउच  में बनाकर डाली गई थी । उल्लेखनीय है कि उक्त फार्मास्यूटिकल कंपनी में इससे पहले बिना लाइसेंस  व विभाग की मंजूरी लिए विना लिए नकली रेमडेसीविर  इंजेक्शन बनाने का मामला भी सामने आ चुका है। जिसमें कंपनी के कर्मचारी से 16 बॉक्स में 400 नकली वायल बरामद किए गए थे ।दवा निरीक्षक प्यार चंद ठाकुर ने बताया कि उक्त कम्पनी ने रेमडेसीवीर इंजेक्शन बनाने के लिए धर्मशाला मे मौजूद ड्रग्स हाई ऑथोरिटी को पत्र लिखा था लेकिन मंजूरी ना मिलने के बाबजूद उक्त कंपनी ने नकली इंजेक्शन बना डाले थे। ड्रग  इंस्पेक्टर ठाकुर ने बताया कि विभाग ने  दवाइयां अपने कब्जे में कर ली हैं और सैंपल के लिए दवाइयां लैब में भेजी  दी गई हैं। उन्होंने कहा कि  मुस्तैदी से उक्त दवाइयां बाजार में जाने से पूर्व  बिभाग के कब्जे में आ गई है हिमाचल प्रदेश कागडा ड्रग्स आथरटी की टीम ने जिस प्रकार इस मिशन मे सफलता प्राप्त की है जनता मे प्रशनसीय है लेकिन हैरानी की वात यह है कि इतना बड़ा अवैध कारोबार यह कंपनी किस आधार पर करती रही।