नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 साल का कठोर कारावास

एसके शर्मा। हमीरपुर

नाबालिग से दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने के मामले में दोष सिद्ध होने पर 10 साल कठोर कारावास और 15000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। विशेष न्यायाधीश राकेश कैंथला की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है। मामले की पैरवी जिला न्यायवादी कपिलदेव शर्मा ने की। मई 2020 को महिला पुलिस थाना हमीरपुर में एक नाबालिग की ओर से शिकायत दर्ज करवाई थी। पीडि़त की माता ने पुलिस में दी शिकायत में कहा कि उत्तरप्रदेश के सहारनपुर निवासी नदीम पुत्र जाहिर ने उसकी बेटी के साथ जबरन दुष्कर्म किया है। विरोध करने पर उसे जान से मारने की धमकियां दी गईं। शिकायत पर पुलिस ने पोक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया। मामले की छानबीन करने के बाद पुलिस ने न्यायालय में चालान पेश किया। जिला न्यायवादी कपिल देव शर्मा ने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 25 गवाह पेश हुए। अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार दिया। इस मामले में सजा का ऐलान करते हुए अदालत ने पोक्सो एक्ट के तहत दोषी को दस साल के कठोर कारावास और दस हजार रुपये जुर्माना, जबकि भादसं की धारा 506 के तहत एक साल का कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।