हक के लिए 13 को करेंगे आमरण अनशन

भूषण शर्मा। नूरपुर
हिमाचल मानवाधिकार लोक बॉडी के अध्यक्ष राजेश पठानिया ने बताया कि हिमाचल की बहुचर्चित पठानकोट-मंडी फोरलेन परियोजना जो कि कुछ नहीं 5 वर्ष से लंबित है। 2015 में तत्कालीन सांसद शांता कुमार द्वारा घोषणा की गई थी परंतु आज तक यह केवल आश्वासनों तक सिमट कर रह गई और अभी तक अपने शुरू होने को लेकर वाट जोह रही है। हिमाचल मानवाधिकार लोक बॉडी संस्था द्वारा पिछले वर्ष इस महत्वपूर्ण परियोजना को शुरू करवाने हेतु केंद्र व राज्य सरकार के समक्ष नूरपुर के चौगान ग्राउंड में लगातार 17 दिन तक हमारा अनशन किया गया था, जिसमें सरकार द्वारा लिखित में आश्वासन दिए गए थे और हमारी जो मांगे थीं, उन्हें लिखित में माना गया था और 17वें दिन माननीय जिलाधीश कांगड़ा ने नूरपुर में आकर हमारा अनशन समाप्त करवाया था।

पठानकोट-मंडी फोरलेन प्रभावितों की समस्याएं सुने सरकार : राजेश पठानिया

उसके बाद महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सचिवालय से हमें अब तक तीन पत्र प्राप्त हो चुके हैं। इसमें सरकार को यह आदेश दिए गए कि वे जल्द पठानकोट-मंडी परियोजना के प्रभावित लोगों की समस्याएं सुने और उनका समाधान करें और केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय से भी हमें अब तक चार पत्र प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें उन्होंने लिखित में पठानकोट-मंडी परियोजना को शुरू करने वाले आदेश दिए हैं और यह साफ-साफ लिखा है की मुआवजे की रकम फैक्टर 1 के हिसाब से देनी है या फेक्टर 2 के हिसाब से यह राज्य सरकार को तय करना है, परंतु अभी तक राज्य सरकार यह तय नहीं कर पाई है। इससे पठानकोट-मंडी फोरलेन प्रभावितों में भारी रोष है। हिमाचल सरकार हमारी समस्याओं को बहुत हल्के में ले रही है, जबकि राज्य के सरकारी बैंक लगातार हमारे उत्पीडि़त लोगों को उनकी जमीनों की नीलामी के आदेश थमा रहा है। इससे फोरलेन प्रभावितों में असंतोष की भावना सरकार के प्रति लगातार बढ़ रही है। राजेश पठानिया ने कहा कि वे सभी 13 अक्तूबर को मिनी सचिवालय में एक दिन के लिए आमरण अनशन पर बैठेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।