एमसी शर्मा। नादौन
कृषि विज्ञान केंद्र हमीरपुर स्थित बड़ा द्वारा गांव वरध्याड़ में वीरवार को 18वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता चौधरी सरवन कुमार व हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति प्रोफेसर हरेंद्र कुमार चौधरी ने की। इस उपलक्ष्य पर अपने संबोधन में कुलपति हरेंद्र कुमार ने कहा कि भाषण की जगह हम लोग किसानों के साथ परिचर्चा करेंगे तथा सीधे तौर पर किसानों के प्रश्नों के उत्तर उनसे संबंधित वैज्ञानिक देंगे तथा आमने-सामने बैठकर किसानों को आने वाली समस्याओं का समाधान करेंगे।
इस दौरान कार्यक्रम समन्वयक ने पिछले वर्ष में किए गए कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया तथा आगामी वर्ष के कार्यक्रमों की रूपरेखा भी प्रस्तुत की। वहीं, कुलपति ने उपस्थित सभी किसान भाई बहनों से अनुरोध किया कि वह सभी सीधे तौर पर किसान परिचर्चा में भाग लें तथा अपनी समस्याएं बताएं, ताकि वह उनकी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश कर सके। परिचर्चा में बैंगन में लगने वाले तना छेदक तथा अमरुद के सड़न रोग पर पूछे गए प्रश्नों का विश्वविद्यालय से आए वैज्ञानिक डॉ अजय सूद ने संतोष जनक सुझाव प्रस्तुत किए।
डॉक्टर अखिलेश शर्मा ने किसानों के प्रशन- रोग प्रतिरोधी मिट्टी की किस्मों की जानकारी तथा आलू की अनुमोदित किस्मों, बिजाई का अनुकूल समय तथा इससे संबंधित अन्य आवश्यक जानकारियां प्रदान की। बैठक के उपरांत कुलपति ने हमीरपुर जिला के प्रगतिशील किसानों एवं कृषक महिलाओं रीना चंदेल, सुदेश कुमारी, निम्मो देवी, सीमा देवी, रेशमा देवी, अंजना कुमारी, कुसुम लता, मनीष कुमार, बलजीत संधू व कैप्टन मदनलाल इत्यादि को प्रशस्ति पत्र भी वितरित किए।
कुलपति ने स्वयं सहायता समूह के प्रधान रीना चंदेल, हुकुमचंद बैंस, पंचम परमार, अनीता देवी, कृष्णा, सुदेश कुमारी, शिव शक्ति समूह की निमो देवी, मनीष कुमार आदि द्वारा किए गए कार्यों की भरपूर सराहना भी की तथा साथ ही हमीरपुर जिला की लोकल किस्मो जैसे पपीता, नादौवीं मूली तथा देसी किस्म के बीजों की अपनी धरोहर को संभाल कर रखने तथा अगली पीढ़ी को आगे विरासत में देने का आह्वान भी किया तथा कहा कि सीटाके मशरूम जो कि पोषक तत्व और औषधीय गुणों से भरपूर हैं, के बारे में कहा कि भविष्य में इसके बारे में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बैठक के अंत में पंचायत प्रधान रीता संधू ने सबका धन्यवाद किया तथा भविष्य में इस तरह के आयोजन करने की आशा जाहिर की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त मदनलाल, ढ़ढवालिया, डॉक्टर विद्यासागर, जगदीश चंद्र, योगेंद्र सिंह, ज्ञानचंद तथा हाकम चंद सहित अन्य गणमान्य लोगों ने बैठक में भाग लिया।