पानी के लिए दर-दर भटकने काे मजबूर 20 परिवार

शैलेश शर्मा। चंबा

उपमंडल सलूणी की ग्राम पंचायत बयाना के गलिया गांव में पिछले एक माह से नलों में पानी न आने के कारण लोगों को भारी दिक्कताें का सामना करना पड़ रहा है। इस गांव की महिलाएं दो किलोमीटर दूर जाकर हैंडपंप से पानी लाकर अपनी व अपने मवेशियों की प्यास बुझानी पड़ रही है। ग्रामीणों में हिमती, माया, बिमला व पुष्पा आदि ने बताया कि उनके गांव में करीब 20 परिवार पिछली चार पीढ़ियों से इसी ही गांव में अपना और अपने परिवार का गुजर बसर कर रहे हैं।

इन महिलाओं का कहना है कि जैसे ही गर्मियां का दौर शुरू होता है, वैसे ही हमारे इस गांव में पानी की भारी किलल्त हो जाया करती है। इन महिलाओं ने बताया कि इस समस्या को लेकर हम ग्रामीण लोग कई बार विभाग के पास और अपने पंचायत प्रधान के पास भी गए पर हमारी कोई नहीं सुनता है और पानी की समस्या आज भी जो की त्यों बानी हुई है।

अपने घर से मिलो दूर इस कड़कती धुप में यह ग्रामीण महिलाएं अपने लिए और अपने जानवरों के लिए पानी लेने आई है और पानी का यह सिलसिला पिछले एक महीने से यू बरकरार चल आ रहा है। इन महिलाओं ने बताया कि उनके गांव में पिछले एक माह से नलों में पानी की एक भी बूंद नही टपकी है, जिस कारण हम लोगों को लगभग दो किलोमीटर नीचे जाकर हैंडपंप से पानी लाना पड़ रहा है।

इन महिलाओं ने बताया कि खेती-बाड़ी को पानी कहां से लाएं, यहां पर तो पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है। हम और हमारे जानवर बिन पानी के प्यासे मर रहे हैं। इन महिलाओं ने बताया कि इसको लेकर हमने कई बार अपने पंचायत प्रधान को भी कहा है पर कोई भी सुनवाई हुई है। पानी मनुष्य की सबसे बड़ी जरूरत है और बिन पानी के न तो रसोई का काम हो सकता है और न ही दूसरा और कोई काम ऐसे में यह उपमंडल सलूणी की ग्राम पंचायत बयाना के गलिया गांव की दर्जनों महिलाएं पिछले एक माह से नलों में पानी न आने के कारण रोजाना मिलोघर से दूर इस कड़कती धुप में पानी लाने को मजबूर हैं।

इन गांव की महिलाओं ने बताया कि जिन लोगों के पास पानी भरने को लेकर बर्तन है वह तो काफी पानी एक साथ ले भी जाती है, पर हमारे पास तो पानी भरने को बड़ा कोई भी बर्तन भी नहीं है। इन महिलाओं ने बताया कि पानी वाला फीटर जो कि इस गांव में काम करता है, वह तो दिखाई ही नहीं देता है, पर अब हम लोगों को सलूणी पानी वाले विभाग में जाकर शिकायत करनी ही होगी।

इन महिलाओं ने यह भी बताया कि उन्होंने इस समस्या को लेकर जलशक्ति विभाग से मांग की है कि उनकी इस ज्वलंत समस्या की ओर ध्यान दिया जाए और उन्हें सुचारू रूप से पेयजल मुहैया करवाया जाए। पर आज भी इतना कहे जाने के बाबजूद इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है।