20 क्विंटल मक्खन से किया मां बज्रेश्वरी की पिंडी का श्रृंगार

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा
मकर संक्रांति 14 जनवरी सायं छह बजे से लेकर शुक्रवार सुबह 4 बजे तक माता बज्रेश्वरी मंदिर कांगड़ा में माता की पिंडी पर 20 क्विंटल मक्खन का लेप किया गया। वहीं पुजारी वर्ग द्वारा पिंडी पर चढ़ाए गए मक्खन के उपर सूखे मेवों से पिंडी का श्रृगांर किया गया। वहीं, मंदिर परिसर में शिव भोले की प्रतिमा को मक्खन का लेप करके सूखें मेवों से सजाया गया। कार्यकारी अधिकारी एवं तहसीलदार विजय सांगा ने कहा कि शुक्रवार सुबह से ही सैकड़ों श्रद्धालु माता की पिंडी पर चढ़ाए गए मक्खन को देखने के लिए उमड़ पड़े।

बज्रेश्वरी देवी जी का मंदिर 51 सिद्ध पीठों में से एक माना जाता है। मां बज्रेश्वरी देवी के दर्शनों के लिए यहां पूरे भारत से श्रद्धालु आते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती के पिता दक्ष द्वारा किए यज्ञ में उन्हें न बुलाने पर उन्होंने अपना और भगवान शिव का अपमान समझा और उसी हवन कुंड में कूदकर प्राण त्याग दिए थे। इन घावों व जालंधर दैत्य से युद्ध के दौरान आए जख्मों को भरने के लिए माता के शरीर पर यह लेप लगाया जाता है। माता श्री बज्रेश्वरी देवी की पिंडी पर चढ़ाया गया मक्खन बेहद शुद्ध माना जाता है तथा शरीर में होने वाली दर्द अथवा चरम रोग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। शरीर पर होने वाली फोड़े-फुंसियों पर मक्खन का लेप लगाने से राहत मिलती है तथा चर्म रोग पर मक्खन का लेप लगाने से अत्यंत लाभ प्राप्त होता है। मक्खन की महत्ता को लेकर दूर-दूर से श्रद्धालु मक्खन रूपी प्रसाद प्राप्त करने के लिए माता ब्रजेश्वरी देवी मंदिर में पधारते हैं।