40 हज़ार श्रद्धालु हुए मां चामुंडा के दरबार में नतमस्तक

नरेश धीमान। योल

9 अगस्त से 17 अगस्त तक चलने वाले श्रावण अष्ठमी नवरात्र के दौरान मंदिर में व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए नवरात्रों के दौरान एक जीओ, सात एनजीओ 26 मुख्य आरक्षी, 8 आरक्षी, 20 महिला पुलिस व 30 होमगार्ड के जवान तैनात किए गए थे। इन नवरात्र के दौरान आजतक कुल 35 से 40 हज़ार श्रद्धालु मां चामुंडा के दरबार नतमस्तक हुए और आरटीपीसीआर की नेगटिव रिपोर्ट या वैक्सीन प्रमाण पत्र के 2500 श्रद्दालुओं को वापस भेज गया।

इस बार दर्शन करने से पहले अनिवार्य किया गया था कि श्रद्धालु दर्शन करने से पहले पर्ची कटवाए चाहे, वह स्थानीय श्रद्धालु हो या बाहरी राज्यों का। बिना मास्क के मंदिर में प्रवेश वर्जित किया गया था। नवरात्र में हवन यज्ञ पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था और किसी भी लंगर संस्था इस बार खुले में लंगर लगाने पर पूर्ण प्रतिबंध था, परंतु अगर कोई लगर संस्थाएं लंगर लगाने की इच्छुक हैं, तो उन्हें लंगर भवन में लंगर वनाकर पैक करने के उपरान्त ही श्रद्धालुओं को बांटना के लिए कहा गया था।

सफाई की व्यवस्था के लिए इस बार भी शुलभ शौचालय को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसके लिए अतिरिक्त कर्मचारी भी तैनात किए थे, परंतु इस बार लंगर न लगने की वजह से हर तरफ साफ-सफाई देखने को मिली। नवरात्रों के दौरान हर आने-जाने वाले पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त कैमरे लगाए गए थे। मंदिर के साथ बहती बाण गंगा में नहाने पर पूर्णत प्रतिबंध लगाया गया है। श्रद्घालुओं के दर्शनों हेतु मंदिर को सुबह 4 बजे खोले गए व रात 10 बजे मंदिर के कपाट बंद किए गए। आज 2800 श्रद्धालु मां चामुंडा के दरबार में नतमस्तक हुए तथा 180 लोगों को वापस भेजा गया।