पराशर द्वारा आयोजित मेडीकल कैंपों में पहुंचे 8064 लाभार्थी

कैप्टन संजय के सौजन्य से आज मेहड़ा में लगेगा दसवां चिकित्सा शिविर

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

जसवां-परागपुर क्षेत्र को मोतियाबिंद मुक्त करने के लक्ष्य को लेकर चले कैप्टन संजय पराशर अब तक विभिन्न पंचायतों में नौ मेडीकल कैंपों का आयोजन कर चुके हैं। इन शिविरों में आंखों व कानों से संबंधित बीमारियों को लेकर चेकअप किया जाता है और मरीजों को निशुल्क दवाईयां, चश्मे और कानों को सुनने वाली मशीनें दी जाती है। साथ में मोतियाबिंद के ऑपरेशन भी पराशर द्वारा जालंधर स्थित निजी अस्पताल में करवाए जाते हैं।

इन कैंपों में अब तक 8064 लाभार्थी अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुके हैं। शिविरों में महिलाओं की संख्या ज्यादा रही है, तो जसवां-परागपुर सहित अन्य क्षेत्रों क 406 गांवों के मरीज पहुंचे। संजय के सौजन्य से शनिवार को रैल पंचायत के मेहड़ा गांव में मेडीकल कैंप का आयोजन किया जा रहा है।पराशर ने इसी वर्ष फरवरी में मेडीकल कैंप लगाने की शुरूआत स्वाणा गांव से की थी। उसके बाद रोड़ी-कोड़ी, रीढ़ी कुठेड़ा, बाड़ी, कड़ोआ, पपलोथर, जंबल, शांतला और मनियाला में ऐसे शिविरों का आयोजन हुआ। इनमें आखों की चेकअप के लिए अकेले 5734 मरीज पहुंचे और 614 को मोतियाबिंद का आपरेशन करवाने की सलाह चिकित्सकों ने दी।

आंकड़ों से साफ है कि कुल मरीजों में दस प्रतिशत से अधिक मरीज मोतियाबिंद की बीमारी से पीड़ित थे। इन कैंपों में 3872 को आंखों के चश्मे भी वितरित किए गए। इसके अलावा 3004 मरीजों को आइ ड्रॉप्स भी निःशुल्क उपलब्ध करवाए गए। दिलचस्प यह भी है कि हर शिविर में महिलाओं की संख्या ज्यादा रही है। इन शिवरों में कुल 4596 महिलाएं और 3468 पुरूष लाभार्थी पहुंचे थे। रीढ़ी-कुठेड़ा के मेडीकल कैंप में 796 महिलाएं पहुंची हुई थीं, ताे कुल पांच शिविरों में भी महिलाओं का आंकड़ा 400 से ऊपर रहा है। वहीं, बहरेपन की समस्या से निजात दिलाने के लिए भी संजय पराशर के प्रयास सफल होते हुए दिखाई दे रहे हैं।

बुजुर्गों में सुनने की समस्या बढ़ती जा रही है। इसी संदर्भ में पराशर के सौजन्य से इन कैंपों में 806 लोगों को कानों को सुनने वाली मशीनें बांटी गईं। इन चिकित्सा शिविरों में महिलाओं को निःशुल्क में 10,550 सैनिटरी पैड्स भी वितरित किए गए हैं। मेहड़ा के बाद अगला मेडीकल कैंप कस्बा कोटला पंचायत में 18 सितम्बर को आयोजित किया जा रहा है। कैप्टन संजय का कहना है कि मोतियाबिंद मुक्त जसवां-परागपुर उनका सपना रहा है। इसके लिए भविष्य में भी नियमित अंतराल में मेडीकल कैंप लगाते रहेंगे। कहा कि इसके बाद रक्कड़ और नंगल चौक में कैंप लगाने पर विचार चल रहा है।