आर्थिक या अन्य अक्षमताओं के कारण न्याय से न रहे कोई वंचित: हरमेश कुमार

 सुरेंद्र जम्बाल। बिलासपुर

आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रृंखला में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वाधान में एक विधिक जागरूकता कार्यक्रम को आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरमेश कुमार ने की।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति आर्थिक या अन्य अक्षमताओं के कारण न्याय से वंचित नहीं रहना चाहिए। विधिक सेवा संस्थान सभी के लिए न्याय प्राप्त करने के समान अवसर सुनिश्चित करते हुए समाज के निर्बल वर्गों को आवश्यक विधिक सेवाएं मुफ्त प्रदान करते है।

उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों से महिलाओं से सम्बन्धित विभिन्न कानूनों की जानकारी को अन्य महिलाओं तक पहुंचाने की अपील की ताकि महिलाओं को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाया जा सके। उन्होंने प्रतिभागियों से ‘नालसा विधिक सेवाएं मोबाईल ऐप’ को डाउनलोड कर नालसा द्वारा प्रदान की जा रही विभिन्न सेवाओं का लाभ लेने की अपील की।

कार्यक्रम में मुख्य स्त्रोत व्यक्ति के रुप में अधिवक्ता अनिल शर्मा ने महिलाओं से सम्बन्धित विभिन्न कानूनों के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत शारीरिक शोषण, लैगिंक शोषण, मौखिक और भावनात्मक दुव्र्यवहार तथा आर्थिक दुरुपयोग जैसे विभिन्न प्रावधानों पर जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि घरेलू हिंसा के मामलों का 60 दिनों में निपटारा करना होता है। उन्होंने भरण-पोषण अधिकार, दहेज प्रतिषेध अधिनियम पर जानकारी देते हुए कहा कि दहेज लेने वाला व देने वाला दोनों दोषी होते है तथा सभी के सहयोग से दहेज जैसी कुरीतियों से छुटकारा पाया जा सकता है।

महिलाओं का कार्य स्थल पर लैगिंक उत्पीड़न अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि कार्य स्थलों में 10 या 10 से अधिक लोग होने की स्थिति में एक आंतरिक शिकायत कमेटी का गठन करना अनिवार्य है। उन्होंने लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, लैगिंग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम सहित महिलाओं से सम्बन्धित विभिन्न अधिनियमों पर भी विस्तृत जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने प्रश्नोत्तर कर अपनी शंकाओं का समाधान किया।

कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों की महिला प्रधानाचार्य व मुख्य अध्यापक, विभिन्न पंचायतों की महिला प्रधान व वार्ड सदस्य, संरक्षण अधिकारी, बाल विकास परियोजना विभाग की पर्यवेक्षक व आंगनवाडी कार्यकर्ता तथा महिला पुलिस अधिकारी भी उपस्थित रही।