ABVP ने किया आंदोलन, आरोपियों को फांसी की उठाई मांग

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। शिमला

आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा गत दिनों हरियाणा में बहन नितिका के साथ हुए जघन्य अपराध के खिलाफ हरियाणा प्रशासन के खिलाफ विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन किया गया। इसमें विद्यार्थी परिषद ने बहन नितिका को इंसाफ दिलाते हुए दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा की मांग की। इसमें इकाई की छात्रा कार्यकर्ता उपासना ठाकुर ने कहा कि देश में आए दिन महिलाओं के साथ बढ़ रही घटनाएं चिंता का कारण है। इन पर रोक लगनी चाहिए तथा सरकार को इसके खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाने चाहिए।

साथ ही उन्होंने इस घटना को लेकर सियासी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि कि यह बेहद दुख की बात है कि जब हाथरस में एक बहन के खिलाफ जघन्य घटना सामने आती है, तब तो हमारे देश का एक सियासी दल अपना झंडा उठाए हुए उससे इंसाफ दिलाने पहुंच जाता है, परंतु जब हरियाणा में इस बेटी के साथ अपराध होता है, तो यह सियासी दल चुप्पी साधे बैठता है, जो कि बेहद ही शर्मनाक है। इस पर और जानकारी देते हुए छात्रा कार्यकर्ता शिखा चौहान द्वारा कहा गया की किसी विशेष राजनीतिक दल से पारिवारिक संबंध होने के कारण इस मामले में न्याय की आवाज ना उठाना दर्शाता है कि आज की राजनीति किस प्रकार की है।

जहां हम नारी सशक्तिकरण की बात तो करते हैं, परंतु वह बात हम केवल अपने सियासी फायदे को ध्यान में रखते हुए करते हैं। ऐसा ही कुछ हमें इस घटनाक्रम में भी देखने को मिलता है, जहां कांग्रेस से संबंध होने के कारण आज पूरी देश भर की कांग्रेस इस घटना पर चुप्पी साधे बैठी है तथा हाथरस में पीड़ित बहन को इंसाफ दिलाने के लिए आवाज उठाने वाले राहुल गांधी की चुप्पी महिला सशक्तिकरण के प्रति उनकी गंभीरता को दर्शाती है, जहां केवल अपने सियासी फायदे के लिए ही राजनीतिक दल आवाज उठाते हैं।

कुछ बुद्धिजीवी धर्मनिरपेक्षता का चोला और इस घटना पर चुप बैठे हैं। विद्यार्थी परिषद का इसमें साफ मानना है कि यह अपराध देश की बेटी के साथ हुआ है तथा देश की बेटियों की सुरक्षा हमारा परम कर्तव्य है। इसमें हमें धर्म से ऊपर उठकर इस बेटी को इंसाफ दिलाने की मांग करनी चाहिए तथा दोषियों को सजा दिलाने के लिए एकजुट होना चाहिए। विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि बहन निकिता को न्याय दिलाते हुए दोषियों को शीघ्र अति शीघ्र फांसी कि सजा सुनाई जाए।