एचपीयू को न खोलने पर एबीपीपी ने उठाए सवाल, प्रशासन को घेरा

उज्जवल हिमाचल। शिमला

कोरोना महामारी के दौरान शैक्षणिक क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। प्रदेश भर में स्कूल अब कोविड नियमों के साथ खुल रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय को न खोलने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सवाल उठाए हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष विशाल सकलानी ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद एक ओर स्कूल कॉलेज खोल दिए गए हैं लेकिन विश्वविद्यालय को न खोलना निंदनीय है। उन्होंने कह कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब लाइब्रेरी को पचास प्रतिशत क्षमता के साथ खोला गया है। उन्होंने कहा कि पीजी परीक्षा परिणाम या आईसीडीओल में दाखिले और गैर शिक्षक भर्तियों करने में हिमाचल प्रदेश विश्वविदयालय प्रशासन हर छोर पर छात्र हितों को रखने में असफल रहा है।

विश्वविद्यालय की नाकामी के कारण आ अनेको छात्र पीजी परिणाम घोषित न होने के कारण पीएचडी के फॉर्म नहीं भर पाए हैं। गैर शिक्षक भर्तियो के लिए आवेदन लिए हुए एक वर्ष बीत गया है लेकिन अभी तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। वहीं जिन बीबीए/बीसीए के छात्रों को प्रमोट किया गया। अभी तक उनके परिणाम विश्वविदयाल अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने में असमर्थ रहा है। वहीं विश्वविद्यालय के बेकार ईआरपी प्रणाली करोड़ों रुपए पर ठेके पर दी हुई हैं, लेकिन आए दिन अनेकों समस्याएं इस प्रणाली में गड़बड़ी आ रही है। वहीं बीबीए / बीसीए के छात्रों गोल्डन चांस के नाम पर 20000 वसूलने की अधिसूचना जारी की गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को शोषण कर पैसा ऐंठ रही जिसका विद्यार्थी परिषद विरोध करती है।