महारल स्कूल में 252 ने ली एडमिशन

एस के शर्मा। बड़सर

कोरोना काल के दौरान उपमंडल बड़सर के अभिभावकों ने अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में खुले दिल से दाखिल करवाना शुरू कर दिया है। सरकारी स्कूलों के स्टाफ के मार्गदर्शन व स्कूल में लगभग मुफ्त मिलने वाली उच्च स्तरीय सुविधाओं को देखते हुए सैकड़ों बच्चों ने निजी स्कूलों से किनारा कर लिया है। शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार सरकारी स्कूलों में 11 मई से 16 मई तक बच्चों के दाखिले किए गए व 16 मई के बाद दाखिले अगले आदेशों तक बंद कर दिए है। स्कूलों में जरूरत के मुताबिक स्टाफ बुलाकर दाखिले संबंधी प्रक्रिया को पूरा करवाया गया है, जबकि छात्रों की पढ़ाई को देखते हुए व्हाट्स ऐप ग्रुप व ऑनलाइन माध्यम से सिलेबस कवर करवाया जा रहा है।

सरकारी स्कूलों में अत्याधुनिक साइंस लैब, खुला कैंपस, स्मार्ट क्लासरूम, उच्च शिक्षित अध्यापक, फिल्टर युक्त पानी, मुफ्त किताबें, मुफ्त वर्दियां व होनहार छात्रों को स्कॉलरशिप बच्चों व अभिभावकों को आकर्षित कर रही है। यहां बता दें कि कोरोना संकट के चलते बाहरी राज्यों व जिलों से आ रहे कई अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करवाना चाहते हैं। सरकारी व निजी स्कूलों की फीस में दिन-रात का अंतर भी अभिभावकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। सीनियर सेकेंडरी स्कूल महारल में अभी तक कुल 252 बच्चे दाखिल हो चुके हैं। अभिभावकों को स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट, बैंक अकाउंट आदि फॉर्मिलिटी बाद में पूरी करने का भी विकल्प दिया गया है। स्कूल प्रिंसीपल सुखदेव कालिया के अनुसार बच्चों का दाखिला लॉकडाउन के नियमों का पालन कर किया जा रहा है। अभी तक 252 बच्चे स्कूल में दाखिला ले चुके हैं।