अदालतों में दाखिल होते एवं पेंडिंग केसों का जल्द हो निपटान : मंजरी नेहरू कौल

अखिलेश बंसल। बरनाला

अदालतों में इंसाफ लेने अधिकांश पीड़ित लोग ही पहुंचते हैं। उन्हें समयबद्ध निर्णय दिलाना अदालतों की जिम्मेदारी है, ताकि लोगों को बिना देरी इंसाफ मिल सके इसके लिए बकाया अदालती मामलों का समयबद्ध निर्णय यकीनी बनाया जाए। यह बात पंजाब एवं हरियाणा उच्च-न्यायालय चंडीगढ़ की माननीय जस्टिस मंजरी नेहरू कौल ने सेशन डिवीजन बरनाला की अदालतों का निरीक्षण करने के दौरान कही। इस मौके पर उनके साथ माननीय जिला व सेशन जज वरिंदर अग्रवाल, डिप्टी कमिश्नर बरनाला तेज प्रताप सिंह फुलका, जिला बार एसोसिएशन प्रधान पंकज बांसल और जिला के समूह न्यायिक अधिकारी भी उपस्थित थे।

जस्टिस मंजरी नेहरू कौल ने बरनाला में अदालतों के निरीक्षण के दौरान समूह सिविल और क्रिमिनल अदालतों का सालाना रिकार्ड, जिला कचहरियों के रिकॉर्ड रूम, कॉपी एजेंसी और मालखाने की भी चेकिंग की। जस्टिस कौल ने जिला अदालत परिसर में निर्माणित चाइल्ड केयर रूम का निरीक्षण कर प्रसन्नता व्यक्त करते कहा कि ऐसे चाइल्ड केयर सेंटर अन्य जिलों में भी निर्माण किए जाएंगे। इससे अदालतों में काम करने वाले मुलाजिमों के बच्चों का ध्यान रखा जा सकेगा।

उन्होंने मध्यस्थता कक्ष (मीडीएशन सेंटर) की कार्यप्रणाली को कारगार बताया, कहा कि समूह जुडिशियल अधिकारी अधिक से अधिक मामलों को मीडीएशन सेंटर में ले जाने पर जोर दें। वहां शिकायतकर्ता और आरोपित दोनों धड़ों को बिठाकर केसों का निपटारा रजामंदी से करवाए। इससे अदालतों का बोझ कम होगा। उन्होंने पहले बरनाला सेशन डिवीजन के सभी जुडीशियल अधिकारियों के साथ बैठक की, उन्हें अपना काम इमानदारी और मेहनत से करने को कहा उसके साथ ही जस्टिस कौल ने जिला के वकीलों के साथ रू-ब-रू होकर उनकी समस्याएं सुनी।