प्रभावितों को दिए जाएं 10 मरले में दो कमरों के मकानः जिंदल

उज्जवल हिमाचल। नूरपुर

हिमाचल प्रदेश नूरपुर में गद्दी संघ संगठनात्मक के प्रतिनिधियों ने बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ जिला मजिस्ट्रेट कांगड़ा निपुण जिंदल से धर्मशाला में भेट की और ज़िलाध्यक्ष से मांग की कि ग्राम अनूही एज्वाली मे अवैध तरीक़े से चल रहे क्रैशरों को रोका जाए। जिससे ग्राम अनूही की भूमि व मकान क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। यह भी मांग की गई कि ज्वाली, इंदौरा, फतेहपुर, नूरपुर मंडल के अंतर्गत जिन लोगों की भूमि व मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्हें 10 मरला ज़मीन पर दो कमरों के मकान दिए जाएं।

संघ ने यह भी कहा कि एक लाख रुपये जो दिया जा रहा हैं उनमें में एक कच्चा कमरा भी तैयार नहीं होता है। संघ ने इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री को भी अलग से ज़िलाधीश के माध्यम ज्ञापन भी दिया। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष श्री अमीचन्द्र, उपाध्यक्ष संजीव कुमार, ओंकार सिंह, प्रेस सचिव संजीव भारद्वाज, ज्वाली मण्डल अध्यक्ष केवल सिंह तथा क्षतिग्रस्त मकानों के मालिक जिनमें जरम सिंह, जगत राम, मोतीराम और पुरूषोतम लाल व न्यांगल ग्राम से पीड़ित धरो राम, सुभाष चंद्र, कुशल सिंह, प्रीतम सिंह, गगन सिंह, हरबंस लाल और लादौरी से पुरशोतम कुमार व महाली राम मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें: शिमला में 10वीं के छात्र ने की आत्महत्या

उन्होंने यह कहा कि अवैध खनन के कारण 15 पंचायतों के जलस्रोत भी खत्म हो गये हैं। संघ ने यह भी बताया कि खनन के कारण राजोल से कुठेड़ को जोड़ने वाला पुल भी क्षतिग्रस्त हो रहा है। जिस से बच्चों व प्रतिदिन आने-जाने वाले लोगों के लिए समस्या उत्पन्न होने वाली है। अगर समय रहते इन क्रैशरों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो गद्दी समुदाय यूनियन के साथ सड़कों पर उतरने को मजबूर होगा। इसके साथ ही एक ज्ञापन यह भी दिया गया कि विशेषकर ज्वाली के अंतर्गत आने वाले गांव ठेहर, वहीं पठियार में गद्दी समुदाय के घरों के आस-पास की गई बाढ़ बंदी को हटाया जाये। उनके आस-पास के जंगल को भेड़-बकरियों व पशुओं के लिए चारागाह खोला जाए क्योंकि बाढ़ बंदी से घने जंगल होने की वजह से जंगली जानवर लगातार उनकी भेड़-बकरियों और अन्य पशुओं को घर के आस-पास हानि पहुँचा रहे हैं।

संवाददाताः विनय महाजन

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें