नई शिक्षा नीति का उद्देश्य छात्रों का स्वर्गिन विकास : डॉ राजीव सैजल

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। साेलन

स्वास्थय मंत्री ने शिक्षकों से आग्रह किया है कि वह छात्रों के स्वर्गीय विकास के लिए बच्चों के साथ व्यक्तिगत संबंध भी स्थापित करें, ताकि छात्रों का स्वर्गिन विकास सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य छात्रों का स्वार्गीण विकास करना है। यह बात स्वास्थय मंत्री राजीव सैजल ने सोलन में स्थित बाहरा विश्वविद्यालय में आयोजित मैथ व साइंस अध्यापकों के लिए क्षमता निर्माण के लिए एक कार्यशाला के शुभारंभ के अवसर पर कही। बाहरा विश्वविद्यालय के कुलपति गुरविंदर सिंह बाहरा ने स्वास्थ्य मंत्री का स्वागत किया।

सोलन, शिमला जिला के मैथ व साइंस अध्यापकों के लिए सोलन के बाहरा विश्वविद्यालय में दो दिवसीय क्षमता निर्माण पर कार्यशाला का आयोजन। शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य खेल-खेल में बच्चों को किस तरह से मैथ व साइंस का ज्ञान दिया जाए। इस मौके स्वास्थ्य मंत्री ने अध्यापकों से आग्रह किया है कि वह प्राचीन भारत की शिक्षा पद्धति पर भी विचार करें, ताकि प्राचीन शिक्षा पद्धति से भी छात्रों को ज्ञान मिल सके।

स्वास्थय मंत्री डॉ राजीव सैजल ने बताया कि इस कार्यालय से अध्यापकों को नए नए गुर सिखने को मिलेंगे व इससे स्कूलों में बच्चों को सीधा लाभ होगा व मैथ्स व साइंस में छात्रो की रूची बढे़गी। उन्होंने कहा कि प्रकृति को बचाना समय की मांग है। यदि पर्यावरण से छेड़-छाड़ की गई, तो इसका नुकसान मानव जाति को ही उठाना होगा।