किसान संगठनों का ऐलान, आज होगी सीधी आर-पार की बात

उज्जवल हिमाचल। डेस्क
देशभर में लागू किए गए 3 केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-यूपी-हरियाणा पर चल रहा हजारों किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी है। दिल्ली से सटे यूपी और हरियाणा के तकरीबन दर्जनभर बॉर्डर सील हैं, जिससे शनिवार को भी लोगों को आवाजाही में दिक्कत पेश आ रही है। शनिवार दोपहर में केंद्र सरकार के साथ कृषि कानूनों पर होने वाली बैठक पर किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा कि अब आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी। शनिवार को बैठक में कोई और बात नहीं होगी, कानूनों को रद करने के लिए ही बात होगी। कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है।

एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि केंंद्र सरकार बार-बार तारीख दे रही है, सभी संगठनों ने एकमत से फैसला लिया है कि शनिवार को बातचीत का आखिरी दिन है। इस बीच शनिवार दोपहर तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर पिछले 2 महीने से चल रहे किसानों के आंदोलन का रास्ता निकालने के लिए शनिवार दोपहर में केंद्र सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच पांचवें दौर की बातचीत प्रस्तावित है। वहीं, शुक्रवार शाम को किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों को पूरी तरह रद करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाते हुए आगामी 8 दिसंबर को भारत बंद की घोषणा की है। इसे देश व्यापी बंद बताया जा रहा है। किसानों के अगले कार्यक्रम के अनुसार 5 दिसंबर को किसान देशभर में मोदी सरकार व कॉरपोरेट घरानों का पुलता फूंकेंगे।

7 दिसंबर को जिन लोगों को केंद्र सरकार से पुरस्कार मिले हैं, वे उसे वापस कर आंदोलन का समर्थन करेंगे। भाकियू के हरियाणा अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि अगर केंद्र सरकार शनिवार को उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है तो वे आंदोलन तेज करेंगे। राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी ने आठ दिसंबर को भारत बंद की घोषणा का समर्थन किया है।