बद्दी में स्थापित होगा देश का पहला एंटीबायोटिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट

उज्जवल हिमाचल। सोलन

देश का पहला एंटीबायोटिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सोलन जिले के बद्दी में स्थापित होगा। कामन इनफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के साथ लगाए जा रहे प्लांट के लिए 26 करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रूपनगर व पंजाब विश्वविद्यालय प्लांट का तकनीकी सत्यापन करेंगे। जल्द ही दोनों संस्थानों के साथ बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ उद्योग संघ (बीबीएनआइए) समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेगा। इसके बाद प्लांट का काम शुरू होगा।

देश में कहीं पर भी फार्मा उद्योगों से निकलने वाले पानी से एंटीबायोटिक व दवाओं के घुलनशील ठोस कचरे (टीडीएस) को अलग करने का कोई भी प्लांट नहीं है। इस प्लांट को स्थापित करने के लिए बीबीएनआइए की ओर से विशेषज्ञ के बतौर कंसल्टेंट नियुक्त किया है। देश में पहली बार लग रहे प्लांट के लिए सभी तकनीकी पहलुओं को देखा जा रहा है। पहले परीक्षण के तौर पर एक मिनी ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। यदि इसमें एंटीबायोटिक को अलग करने में सफलता मिली तो दैनिक तीन मिलियन लीटर (एमएलडी) क्षमता का प्लांट स्थापित किया जाएगा।

बंगाल के रहने वाले बीडी ठाकुर देशभर में केंद्र सरकार की ओर से लगाए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के कंसल्टेंट हैं। इनका कहना है कि एंटीबायोटिक व टीडीएस को अलग करने के लिए काफी सूक्ष्म स्तर पर पानी को ट्रीट करना होता है। बद्दी में प्लांट लगने के बाद पूरे देश में सरकार इस प्रकार के प्लांट स्थापित कर सकती है।