पहले अपात्रों को नियुक्ति दी, अब कर दिए नियमित

एसके शर्मा। हमीरपुर

प्रदेश शिक्षा विभाग ने पहले तो बीएससी बीएड करने वालों को भाषा अध्यापक के पद पर नियुक्ति प्रदान कर दी और अब उन्हीं अनुबंध शिक्षकों को 3 वर्ष के बाद नियमित भी कर दिया। इन नियुक्तियों में दिलचस्प बात यह है कि सभी नियुक्तियां नियमों के विपरीत पुरानी तारीख से हुई हैं। इसका खुलासा उस वक्त हुआ, जब 3 वर्ष का अनुबंध पीरियड पूरा कर चुके शिक्षकों को शिक्षा निदेशालय ने इसी साल नियमित करने के आदेश पारित किए। स्क्रीनिंग कमेटी की आपत्ति के बावजूद शिक्षा विभाग ने करीब एक दर्जन भाषा अध्यापकों को नियमों के विपरीत नियमित कर दिया।

स्क्रीनिंग कमेटी के पास अनुबंध शिक्षकों को नियमित को पहुंची फाइल में पाया गया कि कुछ अनुबंध शिक्षकों ने हिंदी विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री वर्ष 2015 से 2017 के बीच हासिल की है, जबकि उन्होंने बीएससी बीएड 2004-05 के बीच किया हुआ है। स्क्रीनिंग कमेटी के मुताबिक बैच वाइज भर्ती में केवल टीजीटी का बैच ही गिना जाता है, जबकि जिन भाषा अध्यापकों ने बीएड करने के 10 से 12 वर्ष बाद हिंदी विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है, उन्हें भी बीएड की तिथि से ही वरिष्ठता देते हुए अनुबंध आधार पर भाषा अध्यापकों की भर्ती के लिए पात्र मान लिया गया।

नियमों के मुताबिक बैच वाइज भर्ती में उनका बैच उस स्थिति से माना जाना चाहिए था, जब उन्होंने हिंदी विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की थी। शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया। यह स्क्रीनिंग कमेटी 3 वर्ष का अनुबंध कार्यकाल पूरा कर चुके शिक्षकों को नियमित करने से पूर्व शिक्षा विभाग को अंतिम रिपोर्ट सौंपती है। स्क्रीनिंग कमेटी अनुबंध शिक्षकों को नियमित करने से पूर्व इन सभी शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता और भर्ती एवं पदोन्नति नियमों की जांच करती है। स्क्रीनिंग कमेटी इस बात की जांच करती है कि अनुबंध पर भर्ती हुए शिक्षकों की नियुक्तियां क्या नियमों के तहत हुई हैं या नहीं।

अनुबंध कार्यकाल पूरा करने वाले शिक्षक नियमितीकरण के लिए पात्र हैं या नहीं। स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिश के बाद ही अनुबंध शिक्षकों को नियमित किया जाता है और उसके बाद नियमित होने वाले शिक्षकों की फाइल शिक्षा निदेशालय को भेजी जाती है। शिक्षा निदेशालय से ही अनुबंध से नियमित हुए शिक्षकों को अन्य नियमित शिक्षकों की तर्ज पर वित्तीय व अन्य लाभ मिलते हैं।

उधर, प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक बीके नड्डा ने कहा कि जिला के सभी भाषा अध्यापकों को नियमों के तहत ही नियमित किया गया है। वहीं, शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने बताया कि इस मामले को लेकर प्रारंभिक शिक्षा निदेशक शुभकरण सिंह से विस्तृत जानकारी मांगी गई है।