राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े पर जागरूकता शिविर का आयाेजन

एक व्यक्ति नेत्रदान करने से दो लोगों की आंखों को दे सकता है रोशनी

जतिन लटावा। जोगिंद्रनगर

राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े के अंतर्गत तहसील लडभड़ोल के तहत गोलवां गांव में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की अध्यक्षता प्रधान गोलवां धनी राम में की। इस बारे जानकारी देते हुए स्वास्थ्य शिक्षक लडभड़ोल शशी कुमार ने बताया कि शिविर में लोगों को नेत्रदान करने संबंधी विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि नेत्रदान किसी भी उम्र में किया जा सकता है, लेकिन 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की आंखें ज्यादा उपयोगी होती हैं। किसी भी व्यक्ति की आंखें उसकी मृत्यु के 6 घंटे के भीतर पुन: काम में लाई जा सकती है, जबकि नेत्र बैंक में दान की हुई आंखों को 45 दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

यदि व्यक्ति मृत्यु के बाद अपनी आंखों को दान करता है, तो वह दो व्यक्तियों की आंखों को रोशनी दे सकता है। उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक, लकवा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अस्थमा व मूत्र संबंधी रोग इत्यादि के कारण मरने वाला व्यक्ति भी अपनी आंखें दान दे सकता है, जबकि एड्स, सिफलिस, रेबीज, सेपटिसिमिया, टिटनेस, हेपेटाइटिस व सर्पदंश इत्यादि से ग्रसित व्यक्ति की आंखें दूसरे के काम नहीं आ सकती हैं। इस बीच उपस्थित लोगों को कोरोना महामारी के प्रति भी जागरूक किया गया तथा लोगों से कोविड 19 वैक्सीन की दोनों डोज लगाने का आग्रह किया।

साथ ही कहा कि कोरोना महामारी से बचाव को नियमित तौर पर फेस मास्क का इस्तेमाल करें। साबुन से नियमित तौर पर हाथों को साफ करते रहें या फिर हैंड सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें। यदि किसी भी व्यक्ति को कोरोना संक्रमण से जुड़ा कोई भी लक्षण आता है, तो तुरंत अपना कोविड टैस्ट करवाएं। इस बीच लोगों को बरसात के कारण होने वाली विभिन्न बीमारियों जैसे मलेरिया, स्क्रब टायफस, पीलिया व डायरिया इत्यादि बारे भी जानकारी दी।

लोगों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं बारे भी लोगों को जागरूक किया। इस मौके पर स्थानीय पंचायत प्रधान धनी राम के अतिरिक्त उप प्रधान चंद्रसेन, पंचायत सदस्य संजय कुमार, किरणा देवी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता सुरेष्ठा देवी, आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ता भी मौजूद रहीं।