एसके शर्मा। हमीरपुर
प्रदेश की पहली महिला बस चालक होने का तमगा लगा चुकी सीमा ठाकुर के बाद अब युवतियों की रुचि स्कूटर, कार से हटकर बस का स्टियरिंग घुमाने की और बढऩे लगी है। या यूं कहें कि पहाड़ी प्रदेश की महिलाएं या फिर युवतियां यह संदेश देने का भी प्रयास कर रही हैं कि वे किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं।
वे हाथ अगर हाथ में पैन के अलावा यदि हथियार भी थाम सकती हैं, तो बड़ी बसों की चालक सीट पर स्टियरिंग भी घुमा सकती हैं। कुछ ऐसा ही नजारा आजकल हमीरपुर मेंदेखने को मिल रहा हैं। बी कॉम डिग्री धारक 21 वर्षीय नैंसी वोल्वो बस चालक बनने का सपना संजोए है। मां ने बस चलाने के लिए प्रेरित किया तो नैंसी दो माह का बस चालक प्रशिक्षण हासिल करने हमीरपुर एचआरटीसी डिपो में पहुंच गई। अब यह दो माह का प्रशिक्षण इसी सप्ताह पूरा होने जा रहा है। कुछ हटकर करने के जज्बे के चलते हमीरपुर की ग्राम पंचायत कश्मीर की बेटी नैंसी (21) ने बस चलाने का प्रशिक्षण ले रही है।
ड्राइविंग स्कूल में प्रशिक्षण के दौरान उसने बस को चलाने के साथ-साथ इसके कलपुर्जों के बारे में भी ज्ञान पाया है। एचआरटीसी हमीरपुर के प्रशिक्षक अजय कुमार ने इस बेटी को भारी वाहन चलाना सिखाया है। अजय का कहना है कि कुल 17 प्रशिक्षुओं में यह इकलौती लड़की है। आरएम हमीरपुर विवेक लखनपाल ने कहा कि यह जिला के लिए गर्व की बात है। नैैंसी अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी है। नैंसी ने कहा कि शिमला की सीमा ठाकुर हिमाचल की इकलौती बस चालक हैं। उनसे प्रेरित होकर बस चलाने की ठानी। उनका सपना एचआरटीसी में वोल्वो बस चालक बनना है। मां ने प्रेरित किया और इससे भी बड़ा वाहन चलाने के लिए कहा। उसके पिता चंडीगढ़ पुलिस में हैं, जबकि माता गृहणी हैं। एक भाई हर्ष है जो बंगाणा से आईटीआई कर रहा है।