कंडवाल बैरियर पर नहीं भारतोलक कांटा

विनय महाजन। नूरपुर

हिमाचल के उत्तरी भाग के प्रवेश द्वार कंडवाल से रोजाना सैकड़ों ट्रक-टिप्पर हिमाचल में आते हैं, लेकिन कंडवाल स्थित आरटीओ ऑफिस के पास इन ओवरलोडेड ट्रकों को नापने के लिए भारतोलक कांटा ही नहीं है, जिसके चलते प्रदेश सरकार को काफी समय से करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है। वहीं, ओवरलोड ट्रकों के चलते एनएच पर बिछी सड़क कहीं पर बैठ रही है, तो कहीं इन ओवरलोडेड ट्रकों से सड़क किनारे ढंगों को खासा नुकसान पहुंचा रहे हैं। अगर सरकार ने यहां भार तोलक कांटा लगाया होता, तो इन ओवरलोडेड गाड़ियों के चालान से सरकार के खजाने में पैसा आता और प्रदेश के विकास कार्यों पर खर्च होता तथा प्रदेश की आर्थिक वित्तीय स्थिति सुधर जाती आखिर इसमें दोषी कौन? कभी-कभी विभाग को राजा का बाग मे गाड़ियों को ले जाकर निजी भार तोलक पर वजन करवाना पड़ता है।

आरटीओ विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि बिना कांटे के चलते मात्र अनुमान से ही ओवरलोड ट्रकों का चालान किया जाता है। हालांकि विभाग चाहे, तो प्राइवेट कांटे पर भी इन ओवरलोड ट्रकों का भार तोल कर उचित जुर्माना वसूल सकती है, लेकिन विभाग के पास कंडवाल नाके पर पूरा स्टाफ ही नहीं है। गौरतलब है कि कंडवाल के अलावा डमटाल स्थित तोकि बैरियर पर लगा कांटा भी काफी समय से खराब चल रहा है, जबकि चंबा जिला के तहत समीपवर्ती तुनूहट्टी में भार तोला कांटा सही चल रहा है, लेकिन इतने समय से विभागीय लालफीताशाही के चलते कंडवाल व तोकि बैरियर स्थित भारतोलक कांटा ठीक ही नहीं हो पाया।

कंडवाल क्षेत्र अव एनएच एआई के तहत आ गया है, जिनसे एनओसी का इशू है। वहीं टोकी बैरियर के कांटे का रिपेयर और मेन्टेंस का कार्य है, उसे करवा कर जल्द ही दोनों कांटों को चालू किया जाएगा। इस प्रकरण में आरटीओ शिव मोहन सैनी धर्मशाला का कहना है कि शीघ्र हो खराब पड़े भारतोलकों को कंडवाल व तोकी में ठीक करवाया जाएगा, हिमाचल प्रदेश के इस बार्डर पर सरकार का वन विभाग, पुलिस विभाग, खनन विभाग, एकसाइइ विभाग व मंडी विपणन विभाग है तथा यह क्षेत्र कंडवाल पंचायत के अंतर्गत आता है। आज तक पंचायत के किसी भी प्रधान ने कोई प्रस्ताव नहीं भेजा।

जिला प्रशासन को नूरपुर 9 वृत लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता एमपी धीमान का कहना है कि लोक निर्माण विभाग की नूरपुर वृत 9 की अच्छी निर्मित सड़कों को ऐसे बड़े-बड़े वाहनों के कारण खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। अनेक बार विभागों को सूचना दी गई, परंतु परिणाम कागजों तक सिमित रहा जनता लोक निर्माण विभाग की कारगुजारी पर आरोप लगाती है। इसके लिए जनता व पंचायतों को भी जागरूक होना पडेंगा। पानी की बूंदे सड़क पर पड़ी तारकोल को उखाड़ देती है। विभाग निर्माण कार्य करके देना होता हैं। सुपरवाइजर काम अन्य विभागों का है। विभाग द्वारा हर पुल व सड़क पर साईन बोर्डों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सूचना लिखी हुई है, फिर भी अनदेखी करना हैरानी की बात है।