2022 में नहीं होगा भाजपा बनाम कांग्रेस का फ्रेंडली मैच : कल्याण भण्डारी

आप बन रही भाजपा का विकल्प, फौलादी होंसलों के साथ देगी कड़ी टक्कर

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। कांगड़ा
हाल ही में सम्पन्न गुजरात नगर निगम के चुनाव में डायमण्ड व टेक्सटाइल शहर के रूप में मशहूर सूरत में आम आदमी पार्टी के उम्दा प्रदर्शन ने राजनीतिक पण्डितों को भी सकते में डाल दिया है। लगभग डेढ महीने पहले गुजरात में सक्रिय हुई पार्टी ने 120 सीटों में 27 सीटें जीत कर देश की सबसे पुरानी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस को शून्य पर ला दिया। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता कल्याण भण्डारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि यह तीसरा अवसर है कि कांग्रेस को आम आदमी पार्टी ने कोई भी सीट जीतने से वंचित किया है। 2015 और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को शून्य पर धकेला था और अब सूरत नगर निगम के चुनावों में पार्टी ने हैट्रिक बनाने का काम किया है। श्री भण्डारी के अनुसार कांग्रेस अपनी विश्वसनीयता पूरी तरह से खो चुकी है और जागरूक मतदाता कांग्रेस को विपक्ष की भूमिका में भी देखना नहीं चाहता है और यही वजह है कि 2015 में 35 सीट जीतने वाली कांग्रेस की जगह आम आदमी पार्टी को विपक्ष की भूमिका प्रदान कर सूरत की जनता ने “विपक्षी सूरत” में बदलाव किया है। भाजपा से नाराज जनता कांग्रेस के पक्ष में मतदान नहीं करना चाहती क्योंकि चुनाव जीत कर कांग्रेस के लोग भाजपा का दामन थाम कर मतदाताओं के साथ विश्वासघात करने का काम करते हैं। देश के सामने अनेकों उदाहरण मौजूद हैं । कर्नाटक में 17, मध्यप्रदेश में 23, गोवा में 10, मणिपुर में 5 और पुडुचेरी में 4 विधायक कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं। राजस्थान में फिलहाल ऐसा घटनाक्रम होते होते बचा है।
वहीं पर दूसरी ओर 2012 में बनी आम आदमी पार्टी का आजतक एक भी विधायक पार्टी छोड़ किसी दूसरी पार्टी में नहीं गया। 2013 विधानसभा चुनाव में जीते 28 विधायकों ने किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने के स्थान पर फिर चुनावों में जनता जनार्दन के बीच जाना बेहतर समझा। हिमाचल प्रदेश में”आप” की सक्रियता तथा विधानसभा व नगर निगम के चुनाव लड़ने की घोषणा ने भाजपा-कांग्रेस के खेमों में सियासी धुकधुकी बढ़ा दी है। आम आदमी पार्टी हिमाचल के पंचायती राज संस्थाओं के इलेक्शन में भी 36 सीटों के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुकी है। ऐसे में एक तरफ जहां जनता की कांग्रेस में विश्वनीयता नदारद हो चुकी है वहीं पर भाजपा सरकार की हर मोर्चे पर विफलता व भ्रष्टाचार के कथित आरोपों की वजह से हिमाचल प्रदेश की मासूम जनता आक्रोशित हो गई है। इस परिस्थिति में देवभूमि हिमाचल में केजरीवाल सरकार का” दिल्ली मॉडल ” सिर चढ़कर बोल रहा है और आम आदमी पार्टी न केवल एक मजबूत विकल्प बल्कि लोगों की उम्मीद बन कर उभर रही है। लिहाजा 2022 विधानसभा चुनावों में भाजपा बनाम आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी।