कालेश्वर महादेव में कोरोना काल में अस्थि विसर्जन के लिए ब्राह्मण सभा द्वारा बनवाया जा रहा सुन्दर घाट

पंकज शर्मा। ज्वालामुखी
कालेश्वर महादेव में कोरोना काल में अस्थि विसर्जन के लिए ब्राह्मण सभा द्वारा बनवाया जा रहा सुन्दर घाट, मिनी हरिद्वार से प्रचलित स्थान में महादेव व व्यास का है संगम
देश भर में कोरोना की दूसरी लहर ने दुनिया भर मे तबाही मचा कर रख दी है
  ऐसे  में लोगो को कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।कोरोना संक्रमण से मौत के बाद मृतकों का अंतिम संस्कार जहाँ छोटी सी औपचारिकता निभा कर किए जा रहे हैं वहीं उनके अस्थि कलश को  गंगा जल भी नसीब नहीं हो पा रहा था।
सरकारों की बंदिशों के कारण इस समय लोग अपने प्रियजनों के अस्थि विसर्जन के लिए ज्वालामुखी चंबा पतन मार्ग पर स्तिथ कालेश्वर महादेव में आ रहे हैं, जहाँ विधिवत  पूजा अर्चना के साथ व्यास नदी में पंडितों द्वारा अस्थि विसर्जन करवाया जा रहा है।
अभी 20 मई तक तक 2000 के करीब लोगों का अस्थि विसर्जन कालेश्वर महादेव मे हो चुका है। कालेश्वर महादेव मंदिर हजारों साल पहले पांडव काल में बनाया गया था।
बताया जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव यहां रुके थे तथा भगवान शिव का अदभुत मन्दिर बनाया था।
इस मन्दिर में भगवान शिव व व्यास का अद्भुत संगम है। ब्राहम्ण सभा के अध्यक्ष स्वामी मनोज भारद्वाज  ने बताया की हरिद्वार जाने में असमर्थ लोग यहाँ पर स्वजनों का अस्थि विसर्जन कर रहे हैं ।हर दिन 25 से 30 लोग अस्थि विसर्जन के लिए यहाँ आ रहे हैं। परंतु इन लोगों के लिए यहाँ पर बैठने के लिए और अस्थि विसर्जन के लिए उपयुक्त स्थान नहीं है ।
लोगों को नदी किनारे पत्थरों पर बैठ कर पूजा करनी पड़ रही है।
इसी बात को ध्यान मे रखते हुए हम यहाँ जो लोग अपने प्रियजनों को श्रधांजली देने के लिए यहाँ आ रहे हैं उन लोगों के लिए एक सुंदर घाट का निर्माण करवा रहे हैं ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना ना करना पड़े और वह आराम से इस घाट पर अपनो का अस्थी विसर्जन कर सकें। ऐसे समय में जबकि लोग कोरोना काल मे हरिद्वार नहीं जा पा रहें हैं वो यहां बन रहे घाट पर अपनों की आत्मा की शांति के लिए पूजा पाठ कर सकते हैं।
स्वामी मनोज भारद्वाज ने बताया कि इस नेक काम मे उनके साथ उपाध्यक्ष गोपाल शर्मा, सचिव सुशील शर्मा, उपाध्यक्ष हरि ओम शर्मा  व सन्नी ठाकुर जुड़े हुए हैं ।