आपस में जुड़े बागछाल पुल के दोनों छोर, लंबे अरसे के बाद लोगों का होगा सपना साकार

56 करोड़ की लागत से बनकर तैयार होगा बागछाल पुल।

उज्ज्वल हिमाचल। बिलासपुर

बिलासपुर जिला के नैनादेवी व झंडूता विधानसभा क्षेत्र की जनता का 18 वर्षों का लंबा इंतजार अब खत्म होने जा रहा है और दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ने वाला अति महत्वपूर्ण बागछाल पुल के दोनों छोर आखिरकार आपस में जुड़ गए हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह द्वारा इस पुल की आधारशिला जगातखना में रखी गयी थी और जिसके बाद पुल की नींव में गड़बड़ी आ जाने से पुल का निर्माण कार्य रोक दिया गया था। इसके बाद वर्ष 2018 में पुल का निर्माण कार्य दुबारा शुरू किया गया और अब करीब 18 वर्षों के बाद ग्रामीणों का सपना साकार होने जा रहा है। गोविंद सागर झील पर बने 330 मीटर लंबे इस पुल के दोनों छोर आपस में जुड़ गए हैं।

वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा वाहनों की आवाजाही के लिए इस पुल को खोलने को लेकर मार्च 2024 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन जिस गति के साथ पुल निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है उससे देखते हुए समय से पहले ही इस पुल का उदघाटन होने की उम्मीद जताई जा रही है। आपको बता दें कि बागछाल पुल को बनाने के लिए 56 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं व अब तक इसके निर्माण पर 52 करोड़ रुपए खर्च किये जा चुके है। वहीं बागछाल पुल के दोनों छोर मिलने के बाद से स्थानीय ग्रामीणों में खुशी की लहर है।

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वहीं बिलासपुर उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक का कहना है कि बागछाल पुल का निर्माण करना तकनीकी के क्षेत्र में काफी मुश्किल था मगर इंजीनियर्स द्वारा इसे शानदार तरीके से पूरा किया जा रहा है जिसके चलते पुल के दोनों छोर आपस में जुड़ गए हैंण् साथ ही उन्होंने कहा कि इस पुल के आगे सीआरआईएफ के तहत 46 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट के तहत 2-लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा। जिससे हमीरपुर व बिलासपुर जिला की दूरी और भी कम हो जाएगी और लोगों को आने जाने में काफी सहूलियत मिलेगीण्

संवाददाता: सुरेंद्र जम्वाल

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