BREAKING : कारोबार में घाटा होने पर किडनैप की मासूम, मांगी 6 लाख की फिरौती

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

दिल्ली में फाइनेंस के कारोबार में घाटा होने पर एक फाइनेंसर ने अपने साथियों के साथ मिलकर 11 साल की बच्ची को अगवा कर लिया। आरोपियों ने बच्ची के पिता से छह लाख की फिरौती की मांग की, लेकिन पुलिस के बढ़ते दबाव को देखते हुए आरोपियों ने बच्ची को उसके घर के पास छोड़ दिया। आरोपियों की पहचान होने के बाद बवाना पुलिस ने उन पर निगरानी रखी और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली के आउटर-नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी राजीव रंजन ने बातया कि आरोपियों की पहचान मंगेशपुर गांव निवासी सुमित, गोपाल और किराड़ी निवासी संदीप कुमार के रूप में हुई है। शनिवार को बवाना पुलिस को गांव मुंगेशपुर से 11 साल की बच्ची के अगवा किए जाने की सूचना मिली । बच्ची के पिता सरकारी कर्मचारी हैं।

बच्ची के पिता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने जांच करते हुए घटनास्थल के आसपास के 70 से 100 सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच की। करीब डेढ़ सौ लोगों से पूछताछ की। सीसीटीवी फुटेज में पुलिस को एक संदिग्ध कार दिखी। कार मालिक से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसने भतीजे को कार बेच दी है। उससे पूछताछ में पता चला कि उसका साला सुमित अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए कार ले गया है। इस बीच पुलिस को पता चला कि किडनैपर्स ने छह लाख की रकम की मांग की है। सुमित की पहचान होने पर पुलिस ने उसके परिवार पर दवाब बनाया। पुलिस ने सुमित के घर के आस पास की सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें पता चला कि उसने कार का नंबर प्लेट बदलकर वारदात को अंजाम दिया है। दबाव बढऩे पर आरोपी ने रविवार सुबह बच्ची को उसके घर के पास छोड़कर चला गया। बच्ची से पूछताछ में पता चला कि दोपहर करीब दो बजे सुमित और उसके दोस्तों ने उसका अपहरण किया था। पुलिस को शाम साढ़े सात बजे आरोपियों के चार प्याऊ के पास मौजूद होने की जानकारी मिली। पुलिस ने उनकी कार का पीछा किया और तभी एसआई ने उनकी कार का शीशा तोड़ दिया, जिससे वह घायल हो गया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सुमित ने बताया कि वह फाइनेंस का काम करता था, जिसमें काफी घाटा हुआ था उस पर देनदारी बढ़ गई थी। इसलिए उसने अपहरण की साजिश रची। लॉकडाउन की वजह से संदीप की नौकरी भी चली गई थी।