live शपथ समारोह : धर्मशाला में कांग्रेस को बड़ा झटका, पठानिया बने किंगमेकर

उज्जवल हिमाचल। धर्मशाला

नगर निगम धर्मशाला में ओंकार नेहरिया को निर्विरोध महापौर चुन लिया गया है, जबकि सर्वचंद उपमहापौर निर्वाचित हुए हैं। कांग्रेस के पूर्व महापौर देविंदर जग्गी ने उपमहापौर का चुनाव लड़ा। भाजपा के सर्वचंद को 11 मत मिले, जबकि देविंदर जग्गी को 6 मत मिले। ओंकार नेहरिया ने धर्मशाला नगर निगम के वार्ड तीन से पार्षद का चुनाव जीता है। उपमहापौर बने सर्वचंद ने वार्ड 16 से निर्दलीय चुनाव जीता है। वार्ड 11 से पार्षद व पूर्व मेयर देवेंद्र जग्गी ने उनके खिलाफ चुनाव लड़ा। धर्मशाला में पहली बार भाजपा के महापौर व उपमहापाैर बैठेंगे। नगर निगम के 17 वार्डों में से आठ पर भाजपा, पांच पर कांग्रेस और चार पर निर्दलीय जीते थे। भाजपा नेता ओंकार नेहरिया ने अपनी ताजपोशी पर सभी पार्षदों और भाजपा आलाकमान का आभार जताया। बता दें कि नगर निगम के चुनाव के बाद सबसे पहले मंत्री राकेश पठानिया ने ही धर्मशाला में भाजपा का मेयर बनाने का दावा किया था। उसी दिन सीएम जयराम ने भी कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा था कि कांग्रेस को धर्मशाला में जश्र मनाने की जरूरत नहीं है। देखा जाए तो नगर निगम के चुनाव की तिथि मुकरर होने के दिन से ही मंत्री राकेश पठानियां भाजपा की जीत के लिए धर्मशाला के वार्डों में दस्तक देना शुरू कर दी थी और उनके अथक प्रयास रंग लाए और आज धर्मशाला नगर निगम के होट सीट पर भाजपा नेता ओंकार नेहरिया ने कब्जा जमा लिया है।

पालमपुर में पूनम बाली को मेयर और अनीश नाग को डिप्टी मेयर चुना गया

कांग्रेस ने जीत के बाद पालमपुर में मेयर और डिप्टी मेयर चुन लिए हैं। पूनम बाली को मेयर और अनीश नाग को डिप्टी मेयर चुना गया। नई नगर निगम पालमपुर में कांग्रेस ने एकतरफा जीत दर्ज की थी। पार्षदों की सपथ के बाद मेयर डिप्टी मेयर का चुनाव हुआ।

 

नगर निगम मंडी की दीपाली जसवाल मेयर, वीरेंद्र भट्ट डिप्टी मेयर

नगर निगम मंडी में मेयर व डिप्‍टी मेयर पद पर स्थिति स्‍पष्‍ट हो गई है। दीपाली जसवाल नगर निगम मंडी की पहली मेयर होंगी व वीरेंद्र भट्ट डिप्टी मेयर होंगे। नए नगर निगम बने मंडी में भाजपा ने जीत हासिल की है। पेशे से अधिवक्‍ता दीपाली थलेड़ा वार्ड से पहली बार निर्वाचित हुई हैं। इनके पति नामी शिशु रोग विशेषज्ञ हैं। वीरेंद्र भट्ट पुरानी मंडी वार्ड से चुनाव जीते हैं। पूर्व में नगर परिषद मंडी के उपाध्‍यक्ष भी रहे हैं। इन्‍हें अनिल शर्मा का खास माना जाता था। अनिल के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने पर इन्‍होंने भी कमल का दामन थाम लिया था।