समुद्र में मानवाधिकारों की रक्षा को लेकर कैप्टन संजय ने फिर निभाया फर्ज

विदेशों में फंसे हिमाचल के दो नाविकों की मदद, दो अन्य मामलों में भी निभा रहे प्रमुख भूमिका

उज्जवल हिमााचल। डाडासीबा

समुद्र में जब भी मानवाधिकारों की बात होती है तो कैप्टन संजय भारतीय नाविकों के लिए उम्मीद की आखिरी किरण होते हैं। पराशर ने हजारों परिवारों के उन युवाओं की वतन वापसी में मदद की है, जो विदेशोें की जेलो में प्रताड़ित हो रहे थे या उनका देश में वापिस आ पाना लगभग असंभव था। एक बार फिर कैप्टन संजय ने विभिन्न मामलों में अहम भूमिका निभाते हुए मानवाधिकारों का सही मायनों में महत्वपूर्ण संरक्षक होने की भूमिका निभाई है। इसी सिलसिले में नई दिल्ली में नाविकों के हितों के लिए भारतीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य डा. ज्ञानेश्वर मुले और भारतीय दूतावास के अधिकारियों से संपर्क किया। दो मामलों में पराशर को बड़ी सफलता मिली है तो दो अन्य मामलों में भी संजय का संघर्ष जारी है। इन मामलों में आरईडीआईओ (रेस्क्यूइंग एवरी डिस्ट्रेस इंडियन ओवरसीस),संस्था, जिसके कैप्टन संजय उपाध्यक्ष भी हैं, भी विदेशों में फंसे नाविकों के लिए सार्थक प्रयास कर रही है।
दरअसल जसवां-परागपुर क्षेत्र के रक्कड़ तहसील के चौली गांव का अभिषेक ठाकुर समुद्री जहाज पर दुबई में पिछले दिनों बीमार हो गया था। लेकिन ठाकुर को जहाज कंपनी के प्रबंधकों द्वारा वापिस अपने घर भेजने को लेकर आनाकानी की जा रही थी। इसी बीच अभिषेक के पास जो पैसा था, वो भी खत्म हो गया। इस संदर्भ में संजय से ठाकुर के परिजनों ने संपर्क साधा तो पराशर के हस्तक्षेप के बाद इस युवक की घर वापिसी सुनिश्चित हो गई है और अगले कुछ दिनों में वह चौली में घर पहुंच जाएगा। एक अन्य मामले में जिला कांगड़ा के एक मर्चेंट नेवी के अधिकारी की गुमशुमदी हो गई थी। वह अपने इलाज करवाने के लिए अस्पताल में गया, लेकिन उसके बाद जहाज पर नहीं लौटा। इसके बाद परिजन परेशान व भयभीत हो गए।

परिवार वालों ने कैप्टन संजय से इस बारे में बात की तो पराशर ने मदद का पूरा भरोसा दिया। इसके बाद संजय के प्रयासों से उक्त नाविक अधिकारी को ढूंढ निकाला गया और वह पूरी तरह से सकुशल है। मर्चेंट नेवी के अधिकारी को जहाज पर भेजने की व्यवस्था भी संजय द्वारा कर दी गई है। वहीं, सितम्बर में यमन में हुए 7 भारतीयों के अपहरण मामले में संजय सकारात्मक प्रयास कर रहे हैं।

अपहरणकर्ताओं के चुगल से छुड़ाने के लिए वीरवार को नई दिल्ली में संजय पराशर भारतीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य डा. ज्ञानेश्वर मुले से भी मिले और इस संबंध में जरूरी कार्रवाई करने का आग्रह किया। इसके साथ ही पराशर ने डा. मुले से दुबई में एंजेटों द्वारा गलत तरीके से भेजे गए तीन भारतीय नाविकों का भी मुद्दा उठाया। डा. ज्ञानेश्वर मुले ने बताया कि कैप्टन संजय जिस तरह से मानवाधिकारों के मामलों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं, ऐसी उदाहरण उनके पास कोई और नहीं है। पराशर की इस तरह से निस्वार्थ भाव से किए जा रहे ऐसे कार्यों को डा. मुले मानवता की सही अर्थों में सच्ची सेवा बताते हैं। डा. ज्ञानेश्वर मुले ने बताया कि वह संजय द्वारा उठाए गए हर मामले में उनकी मदद करेंगे। वहीं, पराशर का कहना था कि वह समाज के कमजोर तबके के उत्थान के लिए जीवन की अंतिम सांस तक संघर्ष करते रहेंगे।