संजय पराशर ने लगभग 300 गरीब लाेगाें के करवाए मोतियाबिंद के ऑपरेशन

कैप्टन संजय जसवां-परागपुर के सौजन्य से अब तक आयोजित हुए हैं आठ मेडीकल कैंप

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

जसवां-परागपुर क्षेत्र को मोतियाबिंद मुक्त का लक्ष्य लेकर चले कैप्टन संजय पराशर के मेडीकल कैंपों में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के बुजुर्गों को फायदा मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। घर-द्वार पर चिकित्सा शिविर लगने के बाद बुजुर्ग अपने गांव या आसपास के क्षेत्र में ही निःशुल्क में चेकअप करवा रहे हैं, तो उसी वक्त उन्हें चश्मा व दवाईययां भी उपलब्ध हो जाती हैं। इसके साथ ही मोतियाबिंद ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों को अपने निवास स्थान से आने व जाने के लिए वाहन की निःशुल्क सुविधा पराशर द्वारा प्रदान की ही जा रही है। साथ में दवाई, भोजन और ठहरने तक की व्यवस्था भी की जाती है।

चश्मे से लेकर आपरेशन तक निःशुल्क सुविधा मिलने का फायदा ग्रामीण क्षेत्रों के रोगी ज्यादा उठा रहे हैं। अमूमन मोतियाबिंद ग्रामीणों में अधिक होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसान वर्ग धूल वाले स्थानों पर काम करता है। इससे आंखों पर प्रभाव होने लगता है। उम्र के अनुसार धीरे-धीरे पारदर्शी लेंस ठोस हो जाता है। इस कारण बाहर की प्रकाश किरणें टकराकर वापस लौट जाती हैं। इस समस्या को ऑपरेशन के जरिए ही हटाया जा सकता है। अब तक संजय पराशर के साैजन्य से 315 मरीजों के मोतियाबिंद के आपरेशन हो चुके हैं, जबकि शांतला में लगे मेडीकल कैंप में 135 मरीजों के आपरेशन की प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो रही है।

अब तक संजय इस क्षेत्र में आठ मेडीकल कैंप का आयोजन कर चुके हैं, जिसमें लोगाें को 668 लोगों को कानों को सुनने वाली मशीनें भी निःशुल्क दी गई हैं। इसके अलावा 2500 से ज्यादा मरीजों के फ्री में शुगर व बीपी टेस्ट भी किए गए हैं। संजय पराशर ने इसी वर्ष के फरवरी माह में मेडिकल कैंप लगाने की शुरूआत गांव स्वाणा से की थी। उसके बाद रौड़ी-कौड़ी, रिड़ी-कुठेड़ा, बाड़ी, पपलोथर, कड़ोआ, जंबल और शांतला में भी स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों में 7000 के करीब लाभार्थी पहुंचे। हर मेडीकल कैंप में मोतियाबिंद बीमारी से ग्रस्त मरीज सामने आए। संजय पराशर के साैजन्य से कुल 315 मरीजों का मोतियाबिंद का आपरेशन जालंधर स्थित निजी अस्पताल में करवाया गया।

बड़ी बात यह भी है कि इन मरीजों को घर से जालंधर तक लाने व जाने का खर्च भी संजय ने वहन किया और अस्पताल में खाने व ठहरने का प्रबंध भी उन्होंने मरीजों को निःशुल्क उपलब्ध करवाया। इसके अलावा मेडिकल कैंप में पहुंचे मरीजों को आंखों के चश्मे भी मरीजों को बिना कोई पैसा खर्च किए हुए मिले। पराशर ने 332 मरीजों को विशेष प्रकार के चश्मे भी बनाकर दिए, जिनका नंबर सामान्य तौर पर नहीं मिलता है।

मोतियाबिंद का सफल आपरेशन करवा चुके जंबल पंचायत की कृष्णा देवी, सोभ देवी, कुलवंत, बिमला, मखौली राम, राम दास, देसराज, मेला राम और स्वर्ण कुमार का कहना था कि मोतियाबिंद के कारण उन्हें कम दिखाई देता था और वे आर्थिक या अन्य कारणों से अपना इलाज करवाने में अक्षम थे, लेकिन कैप्टन संजय ने उनके घर-द्वार पर पहुंच कर मेडिकल कैंप लगाए, जिससे न सिर्फ उनकी आंखों की जांच हुई, बल्कि कैप्टन संजय ने स्पेशल बस करके उनका जांलधर स्थित अस्पताल में इलाज करवाया। अब उन्हें पहले से बेहतर दिखने लगा है। उन्होंने कैप्टन संजय पराशर का आभार जताते हुए कहा कि उनका कोई पैसा खर्च नहीं हुआ और कैंप लगने के कुछ दिनों भीतर ही आपरेशन भी हो गया। अब उन्हें देखने की कोई समस्या नहीं है।