शिक्षा सहित समस्त क्षेत्रों में चुनौतियां मिलकर करना होगा सामना और समाधान : गोविंद

शकुंतला ठाकुर। कुल्लू

शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य महज कौशल उन्नययन व जीवन के लिए उपयुक्तता हासिल करना, बल्कि सामुदायिक विकास के लिए उपयोगी होनी जरूरी है। वह आज राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) द्वारा काॅलेजों के मूल्यांकन से संबंधित वैबीनार को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। वैवीनार में प्रदेश के समस्त महाविद्यालयों के प्रोेफेसर, शिक्षण व गैर शिक्षण संस्थानों सहित अन्य शिक्षाविद्वों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि न केवल देश व प्रदेश, बल्कि समूचा विश्व कोरोना महामारी के भयानक दौर से गुजर रहा है और इस बीच हमें शिक्षा सहित समस्त क्षेत्रों में आ रही चुनौतियां का मिलकर सामना और समाधान करना है।

उन्होंने कहा आने वाले समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अच्छे परिणाम समाज के सामने आएंगे। शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के समस्त उच्च शिक्षण संस्थानों से आग्रह किया कि वे नैक की आवश्यकताओं और शर्तों को पूरा करने के लिए अपने-अपने संस्थानों को उत्कृष्ट बनाने में अपनी भूमिका और जिम्मेवारी का निर्वहन करें। उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने हिमाचल प्रदेश में एचआईई और एनएएसी की वर्तमान स्थिति पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता न केवल ग्रेड के संदर्भ में बल्कि परिणाम आधारित होनी चाहिए। अब बदले हुए मैट्रिक्स के आलोक में रैमवर्क की वर्तमान गुणवत्ता और एनएएसी के सभी मानदंड स्वस्थ, उद्देश्यपूर्ण और पारदर्शी हैं। डाॅ. गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में जब हमारा देश अपने वैश्विक नेतृत्व के कद को बढ़ा रहा है, तो इन सभी क्षेत्रों के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करना समय की आवश्यकता है। जो किसी भी उच्च शिक्षा संस्थान के मुख्य कार्यों और गतिविधियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए मानदंड के रूप में अपनाई जानी चाहिए।