शिमला में कुलाधिपतियों का सम्मेलन, 29 दिसंबर को CM जयराम भी होंगे शामिल

उज्जवल हिमाचल। शिमला

हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग 29 दिसंबर को शिमला में प्रदेश के सभी निजी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपतियों के सम्मेलन में युवाओं को प्लेसमेंट दिलाने की रणनीति तैयार करेगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सम्मेलन में मुख्य अतिथि होंगे और चैंबर ऑफ इंडियन इंडस्ट्री(सीआईआई-उत्तर क्षेत्र) के अध्यक्ष समेत 20 बड़े उद्योगपति भी इसमें हिस्सा लेंगे।आयोग निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ ही प्लेसमेंट पर भी जोर दे रहा है।

यह जानकारी आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल अतुल कौशिक ने दी। उन्होंने बताया कि निजी शिक्षण संस्थानों में दिव्यांग विद्यार्थियों को बराबरी का मौका दिए जाने के लिए आयोग ने विशेष दिशा -निर्देश जारी किए। मेजर जनरल कौशिक ने कहा कि 29 दिसंबर के सम्मेलन में प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों से पास होने वाले विद्यार्थियों के प्लेसमेंट की व्यापक रणनीति तैयार करने में 20 बड़े उद्योगपतियों का सहयोग भी लिया जाएगा।

कौशिक ने कहा कि आयोग की पहली प्राथमिकता निजी विश्वविद्यालयों एवं अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित कराना है। इसके लिए यूजीसी द्वारा तय मानदंड सख्ती से लागू कराए जा रहे। इस मुहिम के कारण कई अपात्र कुलपतियों और शिक्षकों को पद छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों और निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था में पारदर्शिता लाना अनिवार्य है।इसके लिए आयोग टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर ऑनलाइन मैनेजमेंट सिस्टमविकसित कर रहा। इससे निजी विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में नियुक्तियों, पदोन्नतियों, वेतनमान, बुनियादी ढांचा एवं ऐसी ही अन्य सूचनाएं पोर्टल के माध्यम से आयोग तक तुरंत पंहुच जाएगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सकेगा।

सरकारी नौकरियों में पूर्व सैनिकों के लिए 15 प्रतिशत पद आरक्षित होते,लेकिन सिर्फ 3 प्रतिशत पदों पर ही उनका चयन हो पाता ,क्योंकि पूर्व सैनिकों के पास पदों के अनुरूप योग्यताएं नहीं होती। आयोग चाहता है कि निजी विश्वविद्यालय नवाचार के अंतर्गत ऐसे कोर्स शुरू किया जाए, जिनसे पूर्व सैनिकों को नौकरियां मिल सकें। उन्होंने कहा आयोग राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को निजी शिक्षण संस्थानों में भी लागू कराने पर जोर दे रहा है।