अब पेट स्कैन के लिए नहीं काटने होंगे चंढ़ीगड़ के चक्कर : डॉ राजेश

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

वक्त रहते कैंसर की पहचान हो जाए तो इलाज मुश्किल नहीं। किंतु जांच में जरा सी चूक मरीजों के लिए जानलेवा बन जाती है। श्री बालाजी अस्पताल कांगड़ा में अब लोगों को पेट स्कैन की सुविधा मिलने जा रही है। ये अपने आप में हिमाचल में पहली सुविधा होगी. अभी तक हिमाचल में ये सुविधा किसी भी अस्पताल में उपल्बध नहीं है। आपको इस पेट स्कैन मशीन की पूरी जानकारी भी देंगे, लेकिन पहले आपको बता दें कि आज बालाजी अस्पताल के एमडी डॉ. राजेश शर्मा ने एक पत्रकार वार्ता कर बताया कि इस महीने से बालाजी अस्पताल में पेट स्कैन की सुविधा शुरु कर
दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि 8 माह पहले मेरी माता जी का निधन केंसर के कारण हुआ था। उस दौरान मैने देखा कि उनके इलाज के दौरान मैंने खुद चंढीगड़ के कई चक्कर काटे, पैसे भी लगे और समय तो लगा ही। डॉक्टर राजेश ने बताया कि उसके बाद मुझे लगा कि हिमाचल के अन्य लोगों को ऐसी दिक्कतें न हो। इसलिए हम ये सुविधा यहां के लोगों को देना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी रोगी कैंसर से ग्रसित होते हैं, उन्हें पेट स्कैन की जरुरत समय-समय पर पड़ती है।

डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि ये सुविधा हिमाचल में उपल्बध नहीं है और हिमाचल के लोगों को इसके लिए चंढ़ीगड़ जाना पड़ता है। बताया कि मेरे पिताजी का सपना था कि कांगड़ा के लोगों को उनके घर दवार पर स्वास्थय सुविधा मिल सके, लेकिन ये सुविधा ना केवल कांगड़ा, बल्कि हिमाचल के 8 जिलों के वाशिदों को मिलेगी। जिनमें कांगड़ा, मंडी, चंबा, हमीरपुर, लाहोल स्पिति, बिलासपुर, ऊना और कुल्लू शामिल है। बाकि चार जिलों के लोगों के लिए चंढीगड़ नजदीक पड़ता है। इसलिए वो वहां जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि आसपास के राज्य के लोग भी इसका लाभ ले सकते हैं, जिन्हें कांगड़ा नजदीक पड़ता है।

डॉक्टर राजेश ने बताया कि मेरा ध्येय है कि जिन लोगों को टेस्ट के लिए चंढीगड़ जाना होता था और इलाज टांडा में करना पड़वाता है। उनको हम ये सुविधा दे पाएंगे। इसके साथ ही बलाजी अस्पताल में तमाम सुविधाए दी जा रही है। कोरोना के समय में भी बालाजी अस्पताल ने अपनी पूरी भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि जितना खर्चा इसका चंढीगड़ में है। हमारी कोशिश रहेगी कि इस से कम ही खर्चे पर लोगों को सुविधा दी जा सके। ये मशीन पूरी अत्याधुनिक सुविधा से लैस होगी। ये सुविधा लोगों को इसी महीने से शुरु हो जाएगी।

उन्होंने बताया कि चूंकि मैनें खुद इस परेशानी को झेला है। इसलिए ये कोई पैसे कमाने का साधन नहीं, बल्कि इसे एक सुविधा के लिए शुरु किया जा रहा है। डॉक्टर राजेश ने कहा कि भारत में लोग अपने स्वास्थय पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं, जबकि विदेशों में लोग अपने स्वास्थय पर सबसे ज्यादा खर्च करते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौर में प्रदेश सहित देश की स्वास्थय प्रणाली सबके सामने है। इसलिए लोगों को खूद अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा।

क्या है पेट स्कैन मशीन?
पेट स्कैन-पोजीशन इमीशन ट्रामोग्राफी से कैंसर कोशिकाओं की फौरन सटीक जानकारी मिलती है। यह शरीर में छिपे सूक्ष्मतम कैंसर कोशिकाओं की भी पहचान कर लेता है। इससे तमाम प्रकार के कैंसर को पहली स्टेज में ही पकड़ा जा सकता है। पेट स्कैन सूक्ष्म बीमार कोशिकाओं तक का पता लगा लेती है। इसमें मरीज को एक विशेष ग्लूकोज के साथ रेडियोआइसोटोप का इंजेक्शन दिया जाता है। यह दवा सिर्फ कैंसर कोशिकाओं में ही पहुंचती है। इन कोशिकाओं से पाजीट्रान निकलते हैं, जिससे रेडियोएक्टिव आइसोटोप पकड़ लेता है। यही कैंसरग्रस्त कोशिकाएं होती हैं, जिनकी इमेज पूरी तरह साफ हो जाती है।

पता चल जाता है कि कैंसर वाली कोशिकाएं किस अंग से सिग्नल दे रही हैं। ये कोशिकाएं ज्यादा ग्लूकोज लेती हैं, ऐसे में पकड़ में आती हैं। पेट स्कैन सूक्ष्म बीमार कोशिकाओं तक का पता लगा लेती है। इसमें मरीज को एक विशेष ग्लूकोज के साथ रेडियोआइसोटोप का इंजेक्शन दिया जाता है। यह दवा सिर्फ कैंसर कोशिकाओं में ही पहुंचती है। इन कोशिकाओं से पाजीट्रान निकलते हैं, जिससे रेडियोएक्टिव आइसोटोप पकड़ लेता है। यही कैंसरग्रस्त कोशिकाएं होती हैं, जिनकी इमेज पूरी तरह साफ हो जाती है। पता चल जाता है कि कैंसर वाली कोशिकाएं किस अंग से सिग्नल दे रही हैं। ये कोशिकाएं ज्यादा ग्लूकोज लेती हैं, ऐसे में पकड़ में आती हैं।