मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आज पेश करेंगे अपने कार्यकाल का आखिरी बजट

उज्जवल हिमाचल। शिमला

विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कैबिनेट मीटिंग में कल पेश होने वाले बजट को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में शुक्रवार को पेश किए जाने वाले बजट भाषण को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट मीटिंग में ओपीएस की मांग कर रहे कर्मचारियों के आंदोलन पर भी चर्चा की गई।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पूर्वाह्न 11 बजे बजट पेश करेंगे। ईटीवी भारत अपने दर्शकों और पाठकों के लिए बजट लाइव दिखाएगा। ये बजट मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यकाल का आखिरी बजट है। हर बार की तरह ये बजट भी टैक्स फ्री रहने के भरपूर आसार हैं। चुनावी वर्ष होने के कारण किसी भी प्रकार का नया टैक्स नहीं लगाया जाएगा, ऐसे आसार हैं।

वहीं, ओपीएस यानी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होने को लेकर सरकार कोई घोषणा करेगा, ऐसे आसार नहीं लग रहे।कारण ये है कि सदन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आंदोलनकारी कर्मचारियों को शालीन तरीके से सरकार के साथ बातचीत के लिए कहा था। साथ ही ये भी संकेत दिए कि कर्मचारी राजनीतिक खिलौना न बनें। उनका इशारा कांग्रेस की तरफ था। कांग्रेस ने सदन के भीतर तो प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया, लेकिन विधानसभा के बाहर उनकी रैली और धरने को संबोधित नहीं किया।

वहीं, आज की सदन की कार्यवाही पूरी होने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया के साथ बातचीत में भी कर्मचारियों को लेकर तीखे तेवर अपनाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कमेटी का गठन किया है। कोविड काल होने के बावजूद कर्मचारियों को कई तरह के वित्तीय लाभ दिए गए। अब ओपीएस पर ये हंगामा उचित नहीं है। सरकार बातचीत के जरिए सभी मसलों को सुलझाने की मंशा रखती है। मुख्यमंत्री जयराम ने कहा कि दवाब डालकर मांगें मनवाना उचित नहीं है।खैर, इससे इतर यदि कल के बजट की बात करें तो कल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के भाषण में समाज के उन वर्गों के लिए कोई न कोई राहत हो सकती है, जिन्हें केंद्र अथवा राज्य सरकार की योजनाओं से लाभ नहीं मिल पाया है। चुनावी वर्ष में जयराम सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए भी कोई ऐलान कर सकती है। इसके अलावा नया पे कमीशन लागू होने के बाद एरियर को लेकर भी कोई घोषणा होगी।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधायकों से भी सुझाव मांगे थे। प्रदेश की जनता से भी सुझाव आमंत्रित किए गए थे। जनता की तरफ से दो सौ से अधिक सुझाव आए हैं। पिछली बार बजट का आकार 50192 करोड़ था। इस बार बजट का आकार 55 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।राज्य सरकार आम बिजली उपभोक्ताओं को राहत दे सकती है। इसी प्रकार सामाजिक न्याय से जुड़ी योजनाओं, दैनिक मजदूरी में बढ़ोतरी और सामाजिक सुरक्षा पेंशन में बढ़ोतरी हो सकती है। पूर्व वित्त सचिव केआर भारती का कहना है कि राज्य सरकार के सामने कर्ज के बढ़ते बोझ की चुनौती है।

उन्होंने कहा कि सीमित आर्थिक संसाधनों के कारण हिमाचल सरकार बजट में कोई क्रांतिकारी घोषणाएं नहीं कर सकती। शुक्रवार को बजट पेश करने के बाद सरकार ने फिर से कैबिनेट मीटिंग करने का फैसला लिया है। शनिवार को कैबिनेट फिर से मीटिंग करेगी।