बाल संरक्षण गृहों के निर्धन बच्चों को मिले दो हजार मासिक भत्ता

एसके शर्मा। हमीरपुर

सुप्रीम कोर्ट द्वारा कोरोना महामारी के चलते बाल संरक्षण गृहों से घर वापस भेजे निर्धन बच्चों की पढ़ाई के लिए 2,000 रुपए प्रतिमाह देने के आदेश हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ ने स्वागत किया है। संघ जिलाध्यक्ष विजय हीर ने प्रदेश सरकार से इस निर्णय को प्रदेश के बाल संरक्षण गृहों के ओर शीघ्र लागू करने हेतु इस बजट मेन प्रावधान करने की अपील की है, ताकि बच्चों की पढ़ाई के लिए किताबें, स्टेशनरी और सभी जरूरी संसाधन मुहैया कराए जा सकें।

कोरोना के कारण जो बच्चे बाल संरक्षण गृहों से वापस परिवार के पास भेजे गए हैं और अगर उन परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, तो राज्य सरकार जिला बाल संरक्षण समिति की संस्तुति पर उन परिवारों को बच्चे की पढ़ाई के लिए 2,000 रुपए प्रतिमाह देने की व्यवस्था हेतु यह निर्णय आया है। यह रकम सिर्फ इन बच्चों की पढ़ाई पर खर्च की जाएगी।

कोर्ट ने सब राज्यों को 22 से 24 बच्चों पर एक शिक्षक की नियुक्ति करने व छूटी पढ़ाई पूरी कराने के लिए एक्स्ट्रा क्लासेज लगाने के आदेश भी दिए हैं। इससे पहले मामले में न्याय मित्र (एमाइकस क्यूरी) ने कोर्ट को बताया कि जब कोरोना शुरू हुआ था, उस समय 2,27,518 बच्चे बाल संरक्षण गृहों में रह रहे थे। इसमें से 1,45,788 बच्चे परिवारों या संरक्षकों के पास वापस भेज दिए और इन बच्चों के शिक्षा के अधिकार की रक्षा करना आवश्यक है।