इस पर बॉर्डर पर किसानों और सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़प

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली

केंद्रीय कृषि सुधार कानूनों का विरोध करने के लिए दिल्ली का घेराव करने जा रहे किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। किसानों को दिल्ली में आने से रोकने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। इस बीच किसानों और सुरक्षाकर्मियों दिल्ली-बहादुरगढ़ राजमार्ग के पास टिकरी सीमा पर झड़प हो गई। पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया।

इससे पहले सिंघु बॉर्डर (हरियाणा-दिल्ली सीमा) पर पुलिस वालों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया। यहां भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है। इसके अलावा, रोहतक-झज्जर सीमा, दिल्ली-गुरुग्राम और दिल्ली-जम्मू राजमार्ग भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं।

किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो ने शुक्रवार को ग्रीन लाइन पर छह मेट्रो स्टेशनों पर एंट्री और एग्जिट गेट बंद रहने की जानकारी दी। ग्रीन लाइन पर ब्रिगेडियर होशियार सिंह, बहादुरगढ़ सिटी, पंडित राम शर्मा, टिकरी बॉर्डर, टिकरी कलां और घेवर स्टेशनों पर एंट्री और एग्जिट अब बंद हैं। दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों ने पहले घोषणा की थी कि पड़ोसी शहरों से सेवाएं शुक्रवार को निलंबित रहेंगी।

दिल्ली-बहादुरगढ़ राजमार्ग के पास टिकरी सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया। किसानों को सुरक्षा बलों के साथ टकराव देखने को मिला। किसानों ने सिंघु सीमा (हरियाणा-दिल्ली सीमा) पर दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार एक किसान ने कहा कि हम शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हम इसे जारी रखेंगे।

हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करते हुए दिल्ली में प्रवेश करेंगे। लोकतंत्र में, किसी को विरोध करने की अनुमति दी जानी चाहिए। कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षाबलों ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान रोहतक से दिल्ली की ओर आ रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी किसान ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि पुलिस ने हमें पानी की बौछारें और आंसू गैस से रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन हमने इसकी परवाह नहीं की और हम दिल्ली की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

हरियाणा में गुरुवार को कई जगहों पर पुलिस और किसानों के बीच झड़प देखने को मिली। पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड, पत्थर और मिट्टी के ढेर को हटाकर किसान हरियाणा में प्रवेश कर गए। पंजाब-हरियाणा सीमा पर हरियाणा पुलिस ने कुल नौ जगह सीमा सील की हुई थी। इनमें से सात जगह किसानों ने बैरिकेड तोड़े तो तीन जगह पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई। पूरे दिन सीमा पर तनाव का माहौल बना रहा।

बात करते हुए एक किसान ने कहा कि मुख्य मांग यह है कि उन्हें हमारी बात सुननी चाहिए। वे कृषि कानून लाए हैं और फिर भी, वे हमारी बात नहीं सुन रहे हैं। यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और बिचौलियों या सेवा प्रदाता को हटा दिया जाता है, तो किसान क्या करेंगे? वहीं सरकार का कहना है कि कृषि सुधार कानूनों से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी। किसान अपनी उपज सीधे बाजार में बेच पाएंगे। प्रदर्शनकारियों को डर है कि उन्हें उनकी उपज की उचित कीमत नहीं मिलेगी और उनके समय पर भुगतान बाधित हो सकते हैं।