सीएम ने 50 लाख से किया विधानसाभ क्षेत्र में नई सड़काें निर्माण : काकू

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

चलो गांव की ओर ठाकुर जयराम सरकार गांव के दरबार हर घर में जयराम सरकार की योजनाओं का विस्तारी करण के तहत आज पूर्व विधायक चौधरी सुरेंद्र काकू ने गांव तरसूह, अरला, देहरा व अंदराड में नई सड़क का निर्माण 50 लाख रुपए में किया गया। पूर्व विधायक चौधरी सुरेंद्र काकू ने गांव तरसूह में जनता को संबोधित करते हुए कहा की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों के विकास करवा रहे हैं। कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में अगला विधायक भाजपा का होगा, जनता बदलाव के लिए तैयार है। जनता चुनावों का इंतजार कर रही है।

उन्हाेंने कहा कि दस वर्षाें से बने विधायक का विकास का रिपोर्ट कार्ड जनता शून्य पेश कर रही है। 14 करोड़ रुपए विधायक निधि अपने चहेतों में बांट दी। किसी गरीब को पैसा नहीं मिला, चहेते ठेकेदारों में विधायक निधि बांट दी, जनता को विकास के लिए पैसा नहीं दिया। उन्हाेंने कहा कि किसी गरीब के खाते में एक पैसा 10 वर्षाें के विधायक ने नहीं दिया। पिछले 5 वर्षाें में किसी गरीब का मकान नहीं बनाया, अपना करोड़ों रुपए का मकान बना लिया। अपने चहेतों से चोर दरवाजे से ठेके पीडब्ल्यूडी और आईपीएच में करोड़ों रुपए की ठेकेदारी अभी भी जारी है।

उन्हाेंने कहा कि करोड़ों रुपए कहां चले गए जनता पूछ रही है, अपनी 10 वर्ष की विधायकी में कितने नौजवानों को नौकरियां दिलवाई, कितनी बेरोजगारी दूर की और कितने शिलान्यास करवा कर उनके कितने उद्घाटन करवाएं। उन्हाेंने कहा कि प्रधानमंत्री योजना में महिलाओं को बताएं कि जो अपने निजी होटल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनरेगा के तहत वाशिंग मशीनें, सोलर लाइट, साइकिलें व इंडक्शन चूल्हे दिए, 2000 हजार रुपए दिए यह बताएं कि प्रधानमंत्री ने दिए, जिन्हें अपनी संपत्ति बता कर महिलाओं को महिलाओं को अपना नाम कर बेवकूफ बनाकर वोट हासिल किए किसी ने विरोध किया, तो पुलिस के डंडे बरसाए वह पुलिस केस बनवाए विधायक पद का गलत प्रयोग किया जाता रहा जनता को डराया धमकाया गया।

जनता के आरोप हैं कि हर घर में 10 साल की कारगुजारी पोल खोल अभियान चलाया गया है। उन्हाेंने कहा कि जनता कह रही है कि 10 वर्ष का हिसाब लेंगे, जनता विधायक बदलने में अग्रसर है। कांगड़ा में कमजोर नेतृत्व के कारण वे ठेकेदारी प्रथा चरम सीमा पर रही और पिछले 5 वर्षाें में दो या तीन ठेकेदारों में करोड़ों रुपए की बंदरबांट की गई।