वर्ष 2021-22 में विकास कार्यों पर खर्च होंगे 9405.41 करोड़

विधायक प्राथमिकताओं की बैठक को संबोधित करते हुए बोले सीएम जयराम ठाकुर

उज्ज्वल हिमाचल ब्यूरो। शिमला

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विकासात्मक बजट के अंतर्गत वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 9405.41 करोड़ रुपये के परिव्यय प्रस्तावित किए गए हैं। वह आज यहां आगामी वित्त वर्ष के लिए विधायकों की प्राथमिकता बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक प्राथमिकता बैठकें अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं क्योंकि इनके माध्यम से निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी विकासात्मक प्राथमिकताओं को सरकार के समक्ष रखने का अवसर प्राप्त होता है। प्रदेश सरकार ने अपने तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है और कोरोना महामारी के कारण एक वर्ष बरबाद होने के बावजूद पिछले तीन सालों में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की गई हैं।

पहले दिन 6 जिलों के विधायकों ने रखी अपने क्षेत्रों की मांगे

प्रदेश सरकार ने अपना पहला निर्णय वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए लिया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हिमकेयर योजना आरंभ की है, जिसके अन्तर्गत 4.63 लाख परिवारों को पंजीकृत किया जा चुका है और अभी तक 1.25 लाख परिवारों को 121 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। सहारा योजना के अन्तर्गत उन परिवारों को तीन हजार प्रतिमाह की वित्तीय सहायता दी रही है जिनका कोई सदस्य गंभीर बीमारी से पीडि़त है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड के अन्तर्गत विधायक प्राथमिकताओं के लिए वर्ष 2020-21 में 926.24 करोड़ रुपये की 251 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इस धनराशि में से 565.52 करोड़ रुपये सडक़ों व पुलों के निर्माण जबकि 360.72 करोड़ रुपये लघु सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं के लिए मंजूर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पूर्व सरकार के पहले तीन वर्ष के कार्यकाल में वार्षिक योजना आकार के लिए 13 हजार 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने अपनी तीन वर्ष की अवधि में 21 हजार 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

पूर्व सरकार के कार्यकाल में 2033 करोड़ ही हुए खर्च

सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान 2033 करोड़ रुपये लागत की 433 विधायक प्राथमिकता योजनाएं स्वीकृत की गईं थीं, जबकि वर्तमान सरकार की तीन वर्ष की अवधि में 2382 करोड़ रुपये की 639 विधायक प्राथमिकता योजनाएं स्वीकृत की र्गइं हैं। इसी प्रकार, पूर्व सरकार के पहले तीन वर्ष के कार्यकाल में विधायक प्राथमिकताओं के कार्यान्वयन के लिए 1276 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जबकि वर्तमान सरकार ने अपने तीन वर्ष के कार्यकाल में 2221 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार विधायक प्राथमिकताओं पर सर्वाधिक ध्यान देगी।