बेसहारा पशुओं की सड़क दुर्घटना पर जताई चिंता

विनय महाजन। नूरपुर

प्रशासन या आम जन-मानस हो के दिलो दिमाग पर एक ही बात आती जब भूकम्प का जरा सा झटका लगता हैं। शासन, प्रसाशन सकती दिखाता है और उसके लिए चिंतन, मंथन शुरू हो जाता है। आज ये बात हिमाचल प्रदेश समर्पण ऐसोसिएशन की अध्यक्षा व समाज सेविका अनीता शर्मा ने नुरपुर मे एक प्रोग्राम में कही। उन्होंने कहा कि जबकि आये दिन कोई न कोई आपदा का कहर बेजुबान जानवरों व जन-मानस के साथ होता रहता है और आये दिन कोई न कोई दुर्घटना सडक पर लावारिस पशुओं के कारण होती रहती है जिसकी बजह से पशु और इन्सान तक को अपने परिवारों से बिछडना पडता है तथा कई बच्चों को अनाथ होना पड रहा है ए अनीता शर्मा ने कहा कि इस तरीको की आपदाएं आऐं।

आये दिन होती रहती है जिसको इतनी गहराई से नहीं लिया जाता है और आपदाएं बढती जा रही है । कयोकि लावारिस पशु बारिश मेंं हर जगह कीचड होने के कारण और बिना आशियाने के सूखी व पककी सडक पर बैठने को मजबूर हैं और जिसके चलते रात को तेज गति से आते वाहनों के चालकों को उनका दिखाई न देना। दोनों की जान को खतरा व आपदा को बुलावा देना है ए जिसके दुखद परिणाम आते हैं। उन्होंने कहा कि प्रसाशन को इस आपदा से बचने के लिए इसे आपदा प्रबंधन के साथ आग्रह है कि आपदा कम करने के लिए लावारिस पशुओं के गले में रेडियम रिफलेकटर वैल्ट रु डलबाई जाऐं ताकि रात को सडक पर बैठे। पशु कापता चल सके और आये दिन होती दुर्घटनाओं से बचा जा सके ।उन्होंने कहा कि इसका सारा प्रबंधन सरकार आपदा प्रबंधन से करवाए।

नैशनल हाईवेज व राज्य लोक निर्माण विभाग की पक्की सड़कों के किनारे कूड़े की गन्दगी देश के स्वच्छता अभियान पर एक प्रश्न धरातल पर खड़ा करती हैं लेकिन कोई भी विभाग इसमें अपनी डूयटीया देने में आनाकानी कर रहा है। सरकार एक है तो फिर।विभाग क्यों नहीं जागरूक हो रहा है।हिमाचल प्रदेश में हिमाचल की सीमाओं के अन्दर पजाब से सटी पचायतो के इर्द.गिर्द गन्दगी में कूडो के लगे ढेर हिमाचल सरकार के पंचायती राज संस्थाओं व अन्य विभागों की पोल खोलता है कि केंद्र सरकार का स्वच्छता अभियान कितना सफल है जिस पर भारत सरकार का करोड़ों रुपये सफाई अभियान में खर्च हो चुके।