किसान नहीं, कांग्रेस कर रही कृषि कानून का विरोधः वीरेंद्र कंवर

कृषि कानून पर वार्ता का दौर जारी, तो भारत बंद का औचित्य नहीं

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। ऊना

कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा है कि कृषि कानूनों का विरोध किसान नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी कर रही है। आज एक पत्रकार वार्ता में कंवर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश में भ्रम फैलाने का प्रयास कर रही है, जबकि कृषि कानून पूरी तरह से किसान के हक में हैं। उन्होंने कहा कि कृषि कानून किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे। इसमें केवल किसान हित का संरक्षण करने की बात की गई है। कृषि उत्पादों पर टैक्स शून्य होने से किसानों को और अधिक लाभ प्राप्त होगा।

बिल में प्रावधान है कि जहां किसानों और व्यापारियों को मंडी से बाहर फसल बेचने की आज़ादी रहेगी और बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से किसानों को सही मूल्य प्राप्त होगा। मंडी व्यवस्था पर इस कानून का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन किसान को अपना उत्पाद बेचने के लिए अधिक विकल्प मिलेंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले की तरह जारी रहेगा तथा इस पर भी किसानों गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं किसानों को आश्वस्त किया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था बनी रहेगी और सरकार इस व्यवस्था को समाप्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसानों को उनके अधिकार मिलने जा रहे हैं। मोदी सरकार ने उन्हें अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी दे दी है, जिससे उन्हें बेहतर मूल्य प्राप्त होगा। कृषि कानूनों से विशेष तौर पर छोटे किसानों की मोलभाव क्षमता बढ़ेगी तथा उन्हें बेहतर दाम मिलेंगे।

वार्ता के बीच भारत बंद का काेई औचित्य नहीं
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि केंद्र सरकार किसान संगठनों के साथ वार्ता कर रही है, ऐसे में भारत बंद का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों को सरकार के साथ बात करनी चाहिए तथा सरकार भी खुले दिल के साथ बातचीत में भाग ले रही है। सरकार ने साफ किया है कि अगर कानून में कहीं कोई कमी है, तो वह संशोधन के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भी अपने समय में संसद में यह बिल लेकर आई थी, लेकिन आज वह विरोध कर रही है।

कृषि मंत्री ने कहा कि अगर पुरानी व्यवस्था इतनी ही सशक्त थी, तो किसान आत्महत्या करने को क्यों मजबूर थे और क्यों किसान कर्ज के बोझ से नहीं निकल पा रहे थे। इन्हीं सब बिंदुओं को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने नए कानून लाए हैं, जिससे उन्हें लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश में आज भी कुछ ऐसी ताकतें हैं, जो किसान का भला नहीं चाहती तथा उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए साजिशें रच रही है।