भाजपा शासन में महंगे इलाज को मजबूर हुए मरीज: आशीष बुटेल

स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कांग्रेस विधायक ने सीएम को लिए आड़े हाथ

उज्जवल हिमाचल। पालमपुर

स्वास्थ्य सुविधाओं की दयनीय स्थिति पर कांग्रेस विधायक आशीष बुटेल ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा कि मरीज निजी एवं प्रदेश के बाहर महंगा इलाज करवाने पर मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां एक ओर पालमपुर के सिविल अस्पताल को कांग्रेस सरकार ने 200 बेड का बनाया और हर रोग के लिए विशेषज्ञों को तैनात किया, वहीं आज इस सरकार में कई रोगों के लिए डाक्टर उपलब्ध नहीं हैं। पिछले आठ-नौ महीने से छोटी बड़ी सर्जरी नहीं हो रही थी, जिसके चलते मरीज़ों को महंगे अस्पतालों में जा कर इलाज करवाना पड़ा था। और जो लोग महंगा इलाज नहीं करवा पाए उन्हें बिना इलाज के ही अपनी जिदंगी को दाव पर लगाना पड़ा।

कांग्रेस सरकार में सरकारी अस्पताल में ब्लड बैंक की स्थापना हुई। इस सरकार में ब्लड बैंक के कर्मचारियों को पालमपुर के बाहर के अस्पतालों में प्रतिनियुक्त पर भेजा जा रहा है जिसके चलते ब्लड बैंक सुचारू रूप से काम नहीं कर पा रहा है । आलम यह है की कुछ दिन तो रोगियों को उपचार हेतु खून भी नहीं मिल पाया था। आशीष बुटेल ने कहा की मुख्यमंत्री छह और सात तारीख़ को पालमपुर आए थे। प्रशासन और सरकार ने उनके द्वारा कई उद्घाटन करवाए। लेकिन स्वास्थ्य विभाग हेल्थ सब सेंटर, घमरोता ग्राम पंचायत बल्ला, को जनता को समर्पित नहीं किया गया। इससे साफ जाहिर होता है की यह सरकार जनता के प्रति कितनी संवेदनशील है। शायद सरकार इस बात से भी घबराती है की कहीं इस भवन का श्रेय कांग्रेस पार्टी को ना मिल जाए। भाजपा की इस श्रेय लेने की होड़ ने स्थानीय जनता के स्वास्थ्य और जीवन को ताक पर रख दिया है। हेल्थ सब सेंटर्ज़ में स्टाफ़ की कमी है और सुचारु रूप से चलने में असमर्थ हैं।

टांडा में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल सिर्फ नाम का

टांडा स्थित डॉ राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज की भी स्थिति और स्तर पिछले 3 वर्षों में नीचे गिरा है। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल नाम का ही रह गया है । आधे से ज्यादा प्रदेश की जनसंख्या को उपचार हेतु यह मेडिकल कॉलेज सुविधा प्रदान करता था। पिछले 2 वर्षों से यहां डायलिसिस की सुविधा बंद है । प्रदेश सरकार की बड़ी-बड़ी बातें कागजों में ही रह गई है । 2 वर्षों से नेफ्रोलॉजिस्ट यहां उपलब्ध करवाने में सरकार असमर्थ रही है। साथ ही डायलिसिस की मशीनें खराब पड़ी है और जो ठीक है उसे चलाने के लिए कोई भी नहीं है। इसी तरह पिछले कई महीनों से सीटी स्कैन की मशीनें खराब पड़ी है जिसको सरकार की एक बड़ी नाकामी कहा जा सकता है । जिन मरीजों का सीटी स्कैन होना होता है उनको बाहर के अस्पतालों में भेज दिया जाता है । कई ऐसे मरीज भी हैं जिन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में उनके सीटी स्कैन कराने के लिए उनकी जिंदगी को दांव पर लगाया जा रहा है। विधायक प्राथमिकता की बैठक में भी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में एंजियोग्राफी और हृदय रोग के उपचार नहीं हो पा रहे हैं जिसके चलते मरीजों को बाहर उपचार करवाना पड़ रहा है और वहां कार्ड भी नहीं चल रहे ।

जहां एक तरफ सहारा योजना को लेकर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है। वहीं इस योजना में कई मरीजों की मृत्यु हो गई है जिन्होंने इसका लाभ लेने के लिए अप्लाई किया था । इस योजना के अंतर्गत कई ऐसे लोग हैं जिससे पीडि़त मरीजों को वित्तीय सहायता लंबी अवधि के लिए मिलनी थी लेकिन दुख इस बात का है कि कुछ मरीजों की सरकार द्वारा वित्तीय सहायता सहारा योजना के अंदर देने के इस वादे के पूर्ण होने से पहले ही वह मरीज अपनी जान खो बैठे हैं। आशीष बुटेल ने कहा कि यह सरकार सुनिश्चित करें की पालमपुर टांडा और पालमपुर विधानसभा के हर हेल्थ सब सेंटर प्राइमरी हेल्थ सेंटर सटाफ और उपकरणों को पूर्ण रूप से उपलब्ध करवाया जाए ताकि मरीजों को इलाज मिल सके और उनके परिजन सस्ता इलाज मरीजों को उपलब्ध करवा सके। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को असरकारी या निजी अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ रहा है उनको इलाज पर व्यय की गई सारी राशि की सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति करनी चाहिए।